अपनी कोशिशों से हार नहीं मानने वाले मंजिल तक एक दिन जरूर पहुँचते हैं। ऐसी ही निरंतर कोशिश और कड़ी मेहनत के बलबूते अपनी मंज़िल पाने वाली कहानी है मुंगेर के सुभाष नगर की रहने वाली मीनाक्षी सिन्हा की जिन्होंने अभावों के होने पर भी वो कर दिखाया जो सभी सुविधाओं के होने पर भी कई लोग नहीं कर पाते।
मिनाक्षी के स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने पर प्रैक्टिकल तो होता ही नही था, साइंस थ्योरी की पढ़ाई भी ठीक से नहीं होती है। पर विज्ञानं में रुचि रखने वाली प्रतिभा की धनि मिनाक्षी ने इन सब से बहुत ऊँचा सोच रख खुद के बल पर शोध कर नासा को भेजा।
उसके शोध पर स्टडी करने के बाद नासा ने उसे 12वीं के बाद हायर एजुकेशन देने का बुलावा भेजा है और जूनियर साइंटिस्ट नहीं बनाया।
हर दस साल पर नासा साइंस के क्षेत्र में काम करने वाले बीस विलक्षण प्रतिभा की खोज करता है। नासा विभिन्न रिसर्चों पर इन साइंटिस्ट से काम करवाता है।