बिहार एक बार फिर बाढ़ की चपेट में है. राज्य की 50 फ़ीसदी आबादी हर साल बाढ़ के ख़तरे में रहती है. सालों से चली आ रही इस समस्या पर सरकार के तमाम दावों के बावजूद हालात जस के तस हैं.
इस साल बिहार में बाढ़ की वजह से 200 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ से राज्य के 18 से ज्यादा ज़िले बुरी तरह प्रभावित हैं जिसका असर क़रीब 70 लाख लोगों की ज़िंदगी पर पड़ा है.
अमूमन हर साल यहां बाढ़ आती है और हजारों लोगों की ज़िंदगी तहस-नहस करती है.
यहां पढ़े बीते सालों में कब-कब बाढ़ ने तबाही मचाई-
2016:
पिछले साल बिहार के 12 ज़िले बुरी तरह बाढ़ की चपेट में रहे और 23 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए.
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के एक बयान के मुताबिक़, क़रीब 20 ज़िलों में बाढ़ का असर रहा. बाढ़ की वजह से 250 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई.
2013:
जुलाई महीने में आई बाढ़ में 200 से ज़्यादा जानें गईं. बाढ़ का असर राज्य के 20 ज़िलों में दिखा और इससे क़रीब 50 लाख लोगों के प्रभावित हुए.
बिहार सरकार के एक बयान के मुताबिक़, 22,623 टन खाना बांटा गया और क़रीब 25 करोड़ रुपये बाढ़ पीड़ितों को मुआवज़े के तौर पर दिया गया.
2011:
इस साल बाढ़ का असर 25 जिलों के 3,577 में देखने को मिला. इस बाढ़ की वजह से 71.43 लाख लोगों के जनजीवन पर असर पड़ा.
इसकी चपेट में आने से 249 लोगों ने जान गंवा दी. इस साल कुल 1.5 करोड़ की सार्वजनिक संपत्ति और करोड़ों की फसलें तबाह हुईं.
2008:
2008 में बिहार के 18 ज़िले बाढ़ की चपेट में आए. इसकी वजह से क़रीब 50 लाख लोग प्रभावित हुए और 258 लोगों की जान गई.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़, बाढ़ की वजह से 34 करोड़ की फसलें तबाह हुईं.
2007:
इस साल राज्य के 22 जिलों में बाढ़ का कहर बरपा. बाढ़ की वजह से 1,287 लोगों की जान गई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ इस साल बाढ़ की वजह से 2.4 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए.
बाढ़ के चलते 2,400 से ज़्यादा जानवर भी मरे. एक करोड़ हेक्टेयर खेती की ज़मीन बुरी तरह प्रभावित हुई. संयुक्त राष्ट्र ने इसे बिहार के इतिहास की सबसे ख़राब बाढ़ करार दिया था.
2004:
साल 2004 में बिहार के 20 ज़िले बाढ़ से प्रभावित हुए. बाढ़ की वजह से 9,346 गांवों के 2 करोड़ से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए. इससे 885 लोगों मौत हुई.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में 3,272 जानवर भी मारे गए और क़रीब 522 करोड़ की फसलों का भी नुकसान हुआ.
2002:
बिहार में 2002 में आई बाढ़ का असर 25 जिलों में दिखा. इसकी वजह से 489 लोगों की मौत हो गई और 511 करोड़ से ज़्यादा की फसलें तबाह हुईं. बाढ का प्रकोप 8,318 गांवों में रहा.
2000:
साल 2000 में बिहार में आई बाढ़ का असर राज्य के 33 जिलों में दिखा. इन ज़िलों के 12 हज़ार से ज़्यादा गांव बाढ़ की चपेट में रहे.
बाढ़ की वजह से 336 लोगों की जान गई और 2500 से ज़्यादा मवेशी भी मरे. बाढ़ से क़रीब 83 करोड़ की फसलें तबाह हुईं.
इनके अलावा बिहार में बाढ़ का सबसे बुरा असर 1987 में देखने को मिला. 1987 में आई बाढ़ के दौरान बिहार के 30 जिलों के 24518 गांव प्रभावित हुए.
इसके चलते 1399 लोगों की मौत हुई. बाढ़ में फंसकर 5000 से ज़्यादा जानवर भी मारे गए. इस साल 678 करोड़ रुपये की फसलें तबाह हुईं.
(आंकड़े बिहार आपदा प्रबंधन विभाग की वेबसाइट से लिए गए हैं.)