मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि शिक्षा की समस्या किसी राज्य विशेष की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की समस्या है। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को मिलकर काम करना होगा। इसके लिए लोगों की मानसिकता बदलनी होगी और पूरे सिस्टम को ठीक करना होगा।
नीतीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए राज्य सरकार ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकती, उसके अपने दायरे हैं। मेरे हिसाब से इसे बदलने की जरूरत है और केंद्र सरकार को इस विषय में राज्य सरकार की क्षमता निर्धारित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षकों का बड़े पैमाने पर बहाली करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जारी है, जल्द ही शिक्षकों की बहाली की जाएगी।
लोगों का भी झुकाव शिक्षक बनने की तरफ होना चाहिए। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि शिक्षकों को पहली तारीख को तनख्वाह दे सकें। विश्वविद्यालयों में सरकार सीधी बहाली नहीं करती। हायर सेकेंड्री को बेहतर बनाने के लिए हमारी सरकार कृतसंकल्पित है।
पीयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं मिलने पर पहली बार बोले नीतीश, कहा..
पटना: आज लोकसंवाद के बाद संवाददाता सम्मलेन में गंगा की अविरल धारा के लिए सरकार के प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में सरकार की नीति कारगर नहीं हो सकता. जब तक गंगा के प्रवाह को बढ़ाया नहीं जाएगा, तब तक यह नीति का सफलता मुश्किल है. नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए राज्य सरकार ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकती, उसके अपने दायरे हैं. मेरे हिसाब से इसे बदलने की जरूरत है और केंद्र सरकार को इस विषय में राज्य सरकार की क्षमता निर्धारित करना चाहिए.
गंगा में गंदा पानी को ट्रीट कर भी नहीं गिराया जाएगा. उन्होंने सोन नदी के विरलता पर भी सवाल उठाया है. प्रधानमंत्री से अनुरोध के बावजूद उनकी बात नहीं मानने के सवाल पर कहा कि मीडिया हर एक चीज का विश्लेषण करने के लिए स्वतंत्र है. राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के प्रश्न पर सीएम ने कहा कि वहां तो सब कुछ तय होता है. अभी जब वे अध्यक्ष नहीं है तो भी सर्वे सर्वा तो वही है. शिक्षकों के बहाली के प्रश्न पर सीएम ने कहा कि लोगों में शिक्षक बनने के प्रति उत्साह घटता जा रहा है, लोगों को शिक्षक बनने के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता बताया है.