कोसी-सीमांचल से लेकर उत्तर बिहार तक हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। बाढ़ से अब तक सौ से अधिक लोगों से मौत हो चुकी है। आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्यब के 13 जिलों की 66 लाख आबादी बुरी तरह बाढ़ से प्रभावित है। लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
मंगलवार तक दरभंगा, मधुबनी, गोपालगंज, अररिया व किशनगंज सहित राज्ये के कई भागों में जगह-जगह तटबंध टूट रहे हैं। खासकर सीमांचल के हालात काफी बिगड़ गए हैं। उधर, मुजफ्फरपुर व गाेपालगंज में भी हालात बिगड़ने लगे हैं। मरने वालों का आंकड़ा सौ पार कर गया है, हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग ने 56 मौत की पुष्टि की है।
सीएम ने लगातार दूसरे दिन किया एरियल सर्वे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद लगातार दूसरे दिन प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का आकलन किया। मंगलवार को उन्होंने दरभंगा प्रमंडल के जिलों का हवाई सर्वे किया। वरिष्ठ अधिकारियों की एक अलग टीम ने पूर्णिया, अररिया एवं कटिहार जिले का दौरा किया।
बाढ़ से अबतक विभिन्न जिलों में सौ से अधिक लोगों के मरने की सूचना है। सबसे ज्यादा अररिया में मौत हुई है। मंगलवार को पूर्णिया में चार बच्चोंस की डूबने से मौत हो गई। मंगलवार को सीतामढ़ी में भी दो बच्चे। डूब गए। उधर, सुपौल में चार महिलाएं भी नहाने के दौरान डूब गईं।
इसके पहले जोगबनी नहर के पानी से 20 लाशें निकाली गईं। इनमें चार नेपाल के हैं। सीतामढ़ी में छह, किशनगंज में पांच, मधेपुरा में चार, कटिहार में तीन और सहरसा में दो लोगों के डूबने की सूचना है। नालंदा के पंचाने नदी में भी दो के मरने की सूचना है। सैकड़ों गांव जलमग्न हैं। सरकारी कार्यालय डूबे हुए हैं। सिकटी, पलासी व जोकीहाट में भी लोगों के मरने की सूचना है।
मृतकों में पश्चिम चंपारण में 17, पूर्वी चंपारण में पांच, मधुबनी में चार, सीतामढ़ी -शिवहर में तीन-तीन लोग शामिल हैं।