उत्तर भारत में भारी बारिश से बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। उत्तर बिहार, पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पश्चिम चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी और दरभंगा जिले के गांव में बाढ़ का पानी घुसने से अफरातफरी मची है।
पश्चिम चंपारण के सिकटा में दोन कैनाल का तटबंध टूट गया। बारिश के दौरान ठनका गिरने से पूर्वी चंपारण के बंजरिया में एक की मौत हो गई। वहीं, मधुबनी के बाबूबरही में दीवार गिरने से एक की मौत हो गई, जबकि एक जख्मी हो गया।
सीतामढ़ी के बथनाहा में स्कूल भवन ध्वस्त हो गया। डुमरा प्रखंड के हरिछपरा गांव में बारिश से एक घर गिर पड़ा। इसमें दबने से छह लोग जख्मी हो गए। वहीं, बागमती नदी में अलग-अलग स्थानों पर डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई।
किशनगंज के देशियाटोली पंचायत में शनिवार को नाव डूबने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो लोग लापता बताए जाते हैं। पिछले 24 घंटों से रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल की नदियों में उफान है।

बाढ़ के पानी से दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं। इस कारण कई इलाकों से पलायन भी शुरू हो गया है। कई जिलों में बारिश की वजह से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
अररिया में रेल आवागमन भी इस कारण रुक गया है। किशनगंज में रमजान नदी में चार लोग बहे हैं। इनमें से एक की मौत हो गई, जबकि दो लापता हैं। किशनगंज में ही नाव डूबने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो लोग लापता बताए जा रहे हैं।
इस तरह किशनगंज में कुल छह डूबे, जिनमें से दो की मौत हो गई और चार लापता हैं। ग्रामीणों के अनुसार नाव हादसे में डूबे लोगों की संख्या बढ़ भी सकती है।
यहीं के पौआखाली में दो और बच्चे डूब गए है। सुपौल में अब कोसी आक्रामक तेवर दिखा रही है। गांवों के घरों में पांच से सात फीट तक पानी घुसा हुआ है।
सहरसा जिले में भी तटबंध के अंदर बसे दो दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हैं। मधेपुरा जिले के भी फुलौत, आलमनगर व कुमारखंड प्रखंडों के एक दर्जन गांव जलमग्न हैं। अररिया के सिकटी में बकरा व नूना नदियों में आई बाढ़ से दो दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं।
अररिया-जोगबनी रेलखंड पर फिलवक्त ट्रेनों का आवागमन रोक दिया है। किशनगंज के सभी सात प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं। 50 से अधिक गांवों में बाढ़ के पानी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पूर्णिया के बायसी और बैसा प्रखंड के एक दर्जन गांव जलमग्न हैं। बांका में भी चांदन व ओढऩी नदियों में पानी बढ़ा है।