भूमिहीन परिवारों को मिलेगी जमीन, 15 दिन में सूची तैयार करने के निर्देश; राजस्व कर्मचारियों को मिलेंगे लैपटॉप

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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अपर समाहर्ताओं को 15 दिनों के भीतर अभियान बसेरा के तहत वासभूमि रहित परिवारों की सूची बनाने का निर्देश दिया है। इन परिवारों को दिसंबर तक वास के लिए पांच डिसमिल जमीन दी जाएगी।

सूची में पहले के सर्वे के बाद बचे हुए लोगों के नाम दर्ज होंगे। ऐसे परिवारों की संख्या 21597 है। छूटे हुए परिवारों का सर्वेक्षण मोबाइल ऐप के जरिए हो रहा है।

विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सोमवार को अपर समाहर्ताओं की राज्य स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिया। सचिव जय सिंह और भू अर्जन के निदेशक सुशील कुमार के अलावा सभी संयुक्त सचिव और 38 जिलों के अपर समाहर्ता उपस्थित थे।

अपर मुख्य सचिव ने दाखिल खारिज मामलों के जल्द निबटारे के लिए अपर समाहर्ताओं को अंचलों के साथ साप्ताहिक जूम मीटिंग करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि तीन महीने में दाखिल खारिज के लंबित मामलों की संख्या 10.30 लाख से घटकर 8.12 लाख हो गई है।

30 जून तक लंबित मामलों की संख्या शून्य करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में पारू अंचल में दाखिल खारिज के मात्र 2.39 प्रतिशत मामलों का निबटारा हुआ। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव ने मुजफ्फरपुर के अपर समाहर्ता से पूछताछ की।

राजस्व कर्मियों को मिलेगा लैपटॉप

भोजपुर के संदेश और जहानाबाद के घोसी अंचल में भी इस वित्तीय वर्ष में दाखिल खारिज के निष्पादन की गति बेहद कम पाई गई। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दो महीने में राज्य के सभी राजस्व कर्मचारियों को लैपटॉप दे दिया जाएगा।

कई जिलों से यह शिकायत भी मिली कि सीओ या फिर आरओ के छुट्टी पर जाने के कारण उनके हिस्से का काम लंबित हो जाता है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दोनों पदों में एक पर भी अगर कोई अधिकारी है तो वो अवकाश पर गए अधिकारी का भी काम देखेंगे।

लंबित मामलों में पटना नम्बर वन

बिना किसी कारण के 19 मई तक पटना जिले में दाखिल खारिज के 10,094 मामले लंबित पाए गए। 4517 संख्या के साथ रोहतास दूसरे स्थान पर जबकि 4281 के साथ मुजफफरपुर जिला तीसरे स्थान पर था। सबसे कम 486 लंबित मामले लखीसराय में थे।

582 मामले के साथ बांका जिला दूसरे स्थान पर था। पटना जिले में दाखिल खारिज के 3080 मामले राजस्व अधिकारी के स्तर पर, आम सूचना-खास सूचना के स्तर पर 1022, क्लर्क के स्तर पर 617 और अंचल अधिकारी के स्तर पर 5375 मामले लंबित पाए गए।

नालंदा में अतिक्रमण के अधिक मामले

अतिक्रमण के कुल 6972 मामले विभाग के संज्ञान में हैं। 4556 का निष्पादन हो गया है। 4316 अतिक्रमणों को हटाया गया है। 2416 मामले लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक 315 मामले नालंदा से संबंधित हैं।

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