मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड के बलिया-बलौर रोड पर कमतौल स्थित त्रिवेणी सिंह बालिका उच्च विद्यालय के समीप नौलखा मंदिर स्थित है.देखने में बेहद खूबसूरत यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. भगवान शिव के इस मंदिर के निर्माण की कहानी भी अनोखी है.
वर्ष 1992 में कमतौल निवासी शिव कुमार सिंह ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. उस वक्त मंदिर निर्माण में नौ लाख रुपये का खर्च आया था, इसलिए ग्रामीणों ने इस मंदिर का नाम नौलखा मंदिर रख दिया.
चोरी गया धन मिल गया था वापस
मंदिर का निर्माण कराने वाले शिव कुमार की कोलकाता में पान की दुकान थी. शिव कुमार के निधन के बाद उनके बेटे प्रेमनाथ और ललन कुमार इस मंदिर की देखरेख कर रहे हैं. देखरेखकर्ता केदार सिंह बताते हैं कि एक बार शिव कुमार सिंह के घर में चोरी हो गई.
इसके बाद एक रात उनके सपने में भगवान शिव आए. उन्होंने शिव कुमार से कहा कि अगर तुम्हारा चोरी हुआ सारा धन मिल जाए, तो तुम मंदिर बनवाना. संयोग से शिव कुमार को चोरी का सारा धन मिल गया. इसके बाद उन्होंने रुपये की व्यवस्था कर इस मंदिर का निर्माण कराया.
नाग पंचमी को लगता है भव्य मेला
मंदिर की देखभाल करने वाले केदार सिंह बताते हैं कि निर्माणकर्ता शिव कुमार सिंह ने पहले इस मंदिर का नाम शिव हनुमान मंदिर रखा था. लेकिन गांव वालों ने इस मंदिर की खूबसूरती को देखकर इसका नाम नौलखा मंदिर रख दिया. जिस वक्त इस मंदिर का निर्माण हुआ था, उस समय इस मंदिर में 9 लाख खर्च हुए थे.
इस वजह से भी इस मंदिर का नाम नौलखा गांव वालों ने रख दिया. लेकिन मूल रूप से यह भगवान शिव का मंदिर है, जहां बजरंगबली भी विराजमान है. केदार सिंह बताते हैं कि इस मंदिर में सालाना मेला का आयोजन होता है, जिसमें नाग पंचमी मेला प्रमुख है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव को दूध और जल अर्पण करने आते हैं. इसके अलावा महाशिवरात्रि मेला भी दूर-दूर तक प्रसिद्ध है.