भोजपुरी संस्कृति को पारंपरिक स्वरूप में प्रसारित करने की जरूरत : पंकज त्रिपाठी

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इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली के कमलादेवी कॉम्प्लेक्स में बिहार टूरिज्म लि. धनु बिहार और इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की ओर से इंट्रोडक्शन ऑफ भोजपुरी एंड इट्स सिविलाइजेशन विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। फिल्म अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने ऑनलाइन कार्यक्रम में जुड़कर भोजपुरी के कला रूपों तथा संस्कृति को इसके पॉपुलर इमेज से बाहर पारंपरिक एवं वास्तविक स्वरूप में प्रसारित किए जाने की जरूरत बताया।

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के निदेशक केएन श्रीवास्तव ने कहा कि भोजपुरी का साहित्य अत्यंत समृद्ध है, जो मौखिक और लिखित दोनों परंपराओं पर आधारित है। इसको लिपिबद्ध और डिजिटलीकरण किए जाने की जरूरत है। बिहार टूरिज्म के सचिव सन्तोष कुमार मल्ल ने कहा कि आज आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। ऐसे में हर प्रकार से समृद्ध भाषा के भाषायी स्वरूप और इतिहास के अतिरिक्त इस अंचल के गुमनाम अथवा अल्पज्ञात शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों एवं समृद्ध विरासत के बारे में और लोगों को जागरूक किए जाने की जरूरत है।

शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने भोजपुरी भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भोजपुरी भाषा एक मुकम्मल संस्कृति है। आईआईसी सदस्य गंगा कुमार ने बताया कि इस तरह के आयोजन देश की भाषाई संस्कृति और विरासत के संरक्षण संवर्द्धन के लिए आवश्यक है। इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग हिस्सों के विभिन्न भाषा समूहों के श्रोता और सूरीनाम, मॉरिशस, नीदरलैंड्स जैसे देशों के प्रतिनिधि और विभिन्न विश्वविद्यालयों के शोधार्थी अध्यापक भी उपस्थित रहे। 

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