कभी सधी हुई कहानी के लिए सराही जाने वाली गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो, दुल्हा गंगा पार के और बलम परदेशिया जैसी bhojpuri फिल्म इंडस्ट्री ने वक्त के साथ ढलान देखा।
द्वीअर्थी संवादों और गाने की वजह से बदनाम हुई भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के अच्छे दिन वापस आ रहे हैं। बढ़ते प्रोडक्शन कॉस्ट के साथ बढ़ी हुई कमाई के साथ आज bhojpuri फिल्म इंडस्ट्री 2000 करोड़ रुपये की हो गई है। फिल्म कलाकारों की फीस भी अब पहले की अपेक्षा 20 से 30 फीसदी अधिक हो गई है। अब तो भोजपुरी फिल्में 10 करोड़ रुपये से भी अधिक की कमाई करने लगी हैं।
क्लासिक भोजपुरी फिल्में क्रिटिक्स द्वारा जरूर पसंद की जाती थी, लेकिन कमाई करने में काफी पीछे रह जातीं। फिर 2013-2014 तक मनोज तिवारी और रविकिशन जैसे नए भोजपुरी ब्रांड स्थापित होने के बाद इंडस्ट्री का चेहरा बदलना शुरू हुआ।
भोजपुरी सिनेमा के लिए 2015 बहुत ही अच्छा रहा। निरहुआ हिन्दुस्तानी और पटना से पाकिस्तान जैसी भोजपुरी फिल्मों ने सफलता के सारे रिकार्ड्स तोड़ दिया। आंकड़ों के माने तो इन दोनों ही फिल्मों ने 10-10 करोड़ का बिज़नस कर बॉक्स ऑफिस का कुल कलेक्शन 35 करोड़ के पार पहुंच दिया। 2016 में भी 56 फिल्मों के साथ बॉक्स ऑफिस ने 30 करोड़ रुपये बटोरे।
अपनी शुरुआती फिल्मों की सफलता के बाद दिनेश लाल यादव ने निरहुआ इंटटेनमेंट के बैनर के तहत भोजपफल्मों को लेकर सरे मिथक तोड़ दिए। जहाँ उनकी सारी ही फिल्में सुपर हिट रहीं, फिल्मों का बजट भी बढ़कर 100 करोड़ हो गया।
पवन सिंह, दिनेश लाल यादव, खेसारी लाल यादव जैसे भोजपुरी एक्टर्स को ब्लॉकबस्टर फिल्में देने का तमगा मिला ही, साथ ही मधु शर्मा, आम्रपाली दूबे, काजल राघवानी जैसी भोजपुरी नायिकाओं ने भी कुछ फिल्में अकेले के बूते सुपरहिट कराकर अपना जलवा दिखाया।
इतना ही नहीं, नेपाल और फिजी जैसे देश से भी लोगों ने bhojpuri फिल्मों में निवेश करना शुरु कर दिया। वहीं प्रियंका चोपड़ा समेत अन्य बॉलीवुड के लोगों के भोजपुरी सिनेमा में रुचि लेने से भोजपुरी सिनेमा इंंडस्ट्री को नई दिशा मिल रही है।