भोजपुर का यह सरकारी स्कूल है नंबर वन! चौथी बार मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, जानिए क्यों

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बिहार के भोजपुर जिला के शाहपुर प्रखंड के इन्दिरा आवास मध्य विद्यालय, किलौटी को लगातार चौथी बार राज्यस्तरीय स्वच्छ विद्यालय का पुरस्कार मिला है. इससे विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं व छात्र-छात्राएं खुशी से गदगद है. पुरस्कार वितरण समारोह चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना में किया गया.

विद्यालय के शिक्षक विनय कुमार केशरी ने बताया कि समारोह में बिहार के कुल 54 विद्यालयों को राज्यस्तरीय पुरस्कार मिला. पुरस्कार के तौर भगवान बुद्ध का स्मृति चिन्ह और 5 स्टार रेटिंग और प्रमाण पत्र इन्दिरा आवास मध्य विद्यालय, बिलौटी के हेडमास्टर मंजू कुमारी को प्रदान किया.

पूर्व में भी कई बार स्कूल को मिल चुका है पुरस्कार
इस विद्यालय के छात्र को भारत का सर्वश्रेष्ठ स्वच्छता निबंध के लिए प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर पुरस्कृत किया था. 2018 में राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय का, 2019 के मेगा कैम्प में शिक्षा विभाग का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार, 2 अक्टूबर 2020 को स्वच्छता पेंटिंग्स का तृतीय पुरस्कार भारत सरकार ने प्रदान किया था. बिहार सरकार ने 2022 में बिहार का नंबर वन स्वच्छ विद्यालय का पुरस्कार दिया था.

वर्ष 2022 में भोजपुर के जिला पदाधिकारी ने सर्वश्रेष्ठ विद्यालय का पुरस्कार दिया था. 15 अगस्त 2023 को जिलाधिकारी ने जिले के सर्वश्रेष्ठ महिला प्रधानाचार्य का पुरस्कार मंजू कुमारी को दिया था.

जानिए कैसी है व्यवस्था
वर्तमान में वर्ष 2023 में भी इस विद्यालय ने अपना 542 नामांकित बच्चों में अनुसूचित जाति के 400 और 15 शिक्षक-शिक्षिकाएं यह विद्यालय विलौटी के अनुसूचित जाति टोला में है. कुल 542 बच्चे नामांकित हैं, 4 शिक्षक व 11 शिक्षिका है. लगभग 400 अनुसूचित जाति और अन्य लगभग 142 बच्चे पढ़ते है.

यहां के शिक्षण व अन्य चकाचक व्यवस्था को देखकर कई बच्चे तीन किलोमीटर दूर से कई विद्यालयों को छोड़कर इस विद्यालय में पढ़ने आते है. इस विद्यालय के बच्चों के लिए सबसे आनंददायी जगह विद्यालय नजर आता है.

विद्यालय में कुल 5 शौचालय, 32 नल, सबमर्सिबल का शुद्ध जल व सभी कमरों मे दो-दो पंखे हैं. बिजली और इनवर्टर व्यवस्था है.

अभिभावक करते हैं सहयोग
शिक्षक विनय कुमार केशरी ने बताया की विद्यालय के सभी अभिभावक बिजली व्यवस्था के लिए प्रतिमाह 5 रुपए दान देते हैं. अधिकांश संसाधन को विद्यालय के शिक्षक अपने आर्थिक सहयोग से करते हैं. विद्यालय की उन्नति में अभिभावकों, विद्यार्थियों व शिक्षको योगदान सराहनीय है.

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