दलितों के भारत बंद के बाद अब सवर्णों की बारी, प्रशासन ने की खास तैयारी- कई जगह इंटरनेट बैन

खबरें बिहार की

2 अप्रैल को दलितों के भारत बंद के दौरान ग्वालियर, भिंड और मुरैना में हुई हिंसक घटनाओं में 8 मौतों के बाद प्रशासन के लिए अब 10 अप्रैल को सवर्णों का आंदोलन बड़ी चुनौती है।

बंद को लेकर ग्वालियर को छोड़कर किसी जिले से कोई संगठन सामने नहीं आया है। लेकिन अब प्रशासन कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है। एहतियातन ग्वालियर, भिंड और मुरैना में प्रशासन ने शैक्षणिक संस्थाओं में 10 अप्रैल को छुट्टी घोषित कर दी है।

भिंड में सोमवार रात से पूरे दिन कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया गया है। ग्वालियर में इंटरनेट सेवाएं रविवार रात 11 बजे से मंगलवार रात 10 बजे तक बंद रहेंगीं। मुरैना में सोमवार दोपहर 2 बजे से इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। इस बीच, कई संगठनों का कहना है कि अब बंद का कोई औचित्य नहीं है।

थाने में जमा कराए गए हथियार

10 अप्रैल के भारत बंद को देखते हुए लाइसेंसी हथियार जमा कराने के लिए रविवार को लंबी लाइन लग गई। थाने में लोगों को बंदूक जमा कराने के लिए 7 घंटे तक का इंतजार करना पड़ा।

उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक डॉ. केएस सेंगर ने 10 अप्रैल को सभी सरकारी -गैर सरकारी कॉलेजों में छुट्टी रखे जाने का आदेश जारी किया है। शासकीय कमलाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मंगलवार की परीक्षा भी निरस्त कर दी गई है।

जीवाजी यूनिवर्सिटी की स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षाएं 12 अप्रैल से शुरू होने जा रही हैं। लेकिन भारत बंद के दौरान इंटरनेट सेवा बंद रहने से भिंड-मुरैना के छात्र पहले ही परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए हैं। रजिस्ट्रार डॉ. आनंद मिश्रा के मुताबिक एक बार फिर इंटरनेट सेवा बंद किए जाने से यूनिवर्सिटी परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव हो सकता है।

10 अप्रैल को बंद रहेगा ग्वालियर

भिंड आैर मुरैना में किसी भी संगठन ने खुले तौर पर बंद का ऐलान या आह्वान नहीं किया है। मुरैना में अफसरों के साथ हुई बैठक में राजनीतिक दलों ने बंद का समर्थन न करने की बात भी कही।

ग्वालियर में सुबह प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी यही स्थिति रही। इसके बाद शाम को सर्व समाज एवं प्रबुद्ध मंच के बैनर पर हुई कॉन्फ्रेंस में घोषणा की गई कि 10 अप्रैल को ग्वालियर बंद रहेगा।

उपद्रव से निपटने की तैयारी

भारत बंद के दौरान मुरैना में रेलवे स्टेशन पर हुई तोड़फोड़ के मामले में अब तक 61 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि करीब 800 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हैं। इसके बाद एसपी जीआरपी रुचिवर्धन मिश्रा ने स्टाफ की छुट्टी रद्द कर सभी को जिला मुख्यालय पर रहने के आदेश दिए हैं। आरपीएफ कमांडेंट रमेश चंद्रा ने रेलवे ट्रैक पर गश्त बढ़ाने के निर्देश जारी कर गश्ती दल गठित कर दिए हैं। यहां 2 अप्रैल को हुई तोड़फोड़ में करीब डेढ़ करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *