बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती पर शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया, जिसमें गलत नक्शा पोस्ट कर दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर जमकर नीतीश की पार्टी का विरोध हुआ, जिसके बाद जयदू ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट को डिलीट कर दिया।
जदयू ने ट्वीट में लिखा, “समाज के हर पीड़ित और वंचित वर्ग के लिए न्याय और समानता की लंबी लड़ाई लड़ने वाले भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन।” इस पोस्ट में भारत का नक्शा, संसद, आंबेडकर और नीतीश कुमार की तस्वीर दिखाई गई थी।
नक्शे में क्या गलत था?
इस ट्वीट में जो नक्शा पोस्ट किया है, इसमें जम्मू-कश्मीर के आधे हिस्से को गायब कर दिया गया। अब आंबेडकर जयंती पर किए गए ट्वीट में भारत का गलत नक्शा दिखाने से पार्टी विवादों में आ गई है। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद जदयू ने ट्वीट को डिलीट कर दिया।
कान खोलकर सुन लो, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
इस पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने रीट्वीट किया, ”बाबासाहेब जी की जयंती पर ही जदयू के जमूरों ने खंडित भारत दिखाकर संविधान को तार-तार किया है। अपने पीएफआई के आकाओं और नए नवेले दोस्तों को खुश करने के लिए आखिरकार इतना तो इन्हें करना ही पड़ेगा, लेकिन कान खोलकर सुन लो, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।” बता दें कि भाजपा हमेशा से कांग्रेस पर देश तोड़ने की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाती रही है।
जब जदयू ने गलत नक्शे वाला ट्वीट डिलीट कर दिया, ”तब भाजपा ने एक और ट्वीट कर जदयू और नीतीश कुमार को घेरा। बिहार भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर जदयू के ट्वीट का स्क्रीनशॉट लगाते हुए लिखा- अपने नेता की तरह जदयू ऑनलाइन भी पलटी मारने में महारथी है। पहले चीन/पाकिस्तान/पीएफआई द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले भारत के खंडित नक्शे के साथ बाबा साहेब की तस्वीर डाल कर उनका अपमान किया। फिर चोरी पकड़े जाने पर डिलीट कर के भाग खड़े हुए। माफी मांगो, भागो नहीं। ”
बता दें कि जदयू ने भारत का गलत नक्शा ऐसे टाइम पर ट्वीट किया है, जब सीएम नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के लिए जुगत भिड़ा रहे हैं। बिहार में रामनवमी शोभा यात्राओं पर हुए हमले के बीच वे एक ऐसी इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे, जिसके पीछे लालकिला का बैनर लगा हुआ था। इसके जरिए उन्होंने दिल्ली की ओर रुख करने का राजनीतिक संदेश दिया।
इसके बाद हाल ही में नीतीश कुमार ने दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की।
इन मुलाकातों के बाद नीतीश कुमार ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की बात कही। हालांकि, भविष्य में सभी विपक्षी दलों में से प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा, इस पर उन्होंने चुप्पी साध ली, लेकिन जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी की आकांक्षा में ही नीतीश कुमार ने पिछले साल बिहार में भाजपा के साथ साथ गठबंधन तोड़ा था।