भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में म्यूजिका इवेंट्स की तरफ से शिवा नाइट का आयोजन किया गया। उसमें वॉइस आफ इंडिया, दिल है हिंदुस्तानी जैसे टीवी शो में अपनी आवाज से छाप छोड़ने वाले जमुई के लाल भवानी पांडे ने गीतों के माध्यम से एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीत लिया।
इससे पहले गायक भवानी पांडे ने दैनिक जागरण को दिए साक्षात्कार में बताया कि मौजूदा समय में हमारी नई पीढ़ियां अपनी लोक संस्कृति को छोड़ती जा रही है। संगीत का आधार ही पारंपरिक लोकगीत, सूफी संगीत, निर्गुण आदि है, क्योंकि इसकी धुन से वास्तविक संगीत का पता चलता है।
समाज के लिए दर्पण का काम करते हैं कलाकार
मौजूदा समय में अधिकांश कलाकार ज्यादा व्यूज पाने के चक्कर में अपनी कला व संस्कृति को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। ऐसे कलाकारों व गीतकारों को मैं बस इतना कहूंगा कि कलाकार समाज के लिए दर्पण का काम करते हैं, इसलिए कलाकार वह करें जो अनुकरणीय हो। उनके गाए हुए गीत-संगीत से देश, राज्य या किसी व्यक्ति की छवि धूमिल न हो।
युवा कलाकारों को लेकर बड़ा ऐलान
उन्होंने आगे यह भी बताया कि आने वाले समय में हम बिहार के नए युवा कलाकारों के लिए एक नया स्टेज तैयार करने जा रहे हैं। इसके जरिये पुराने संगीत को नए फ्यूजन और फ्लेवर के साथ लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
इसके लिए अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली सभी भाषाओं में गीत जल्द ही नए एल्बम के साथ आने वाले हैं। उनके संगीत और कंटेंट तैयार किए जा रहे हैं।
इस तरह से मिली पहचान
भवानी पांडे ने कहा कि जल्द ही वह बड़े पर्दे पर गीत गाते नजर आएंगे। इसके लिए उन्हें जी स्टूडियो से ऑफर मिला है। वे 20 साल से संगीत के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा जमुई में हुई है। उन्हें गांव में ही भजन मंडली के साथ गीत गाने का चस्का लगा। इसके बाद उन्हें नई पहचान मिली।
उन्होंने बताया कि इंटर की पढ़ाई के बाद 7 साल कोलकाता में रहकर उन्होंने संगीत की शिक्षा ली। उसके बाद मुंबई की ओर रुख किया।
वे लोकप्रिय टीवी शो 2013 में सुर संग्राम, 2017 में दिल है हिंदुस्तानी तथा 2019 में वॉयस आफ इंडिया के सेमीफाइनल राउंड तक पहुंचे थे। उसमें एआर रहमान जज के रूप में मौजूद थे।