भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज (बीईसी) छात्रों के प्लेसमेंट के साथ-साथ पैकेज बढ़ाने पर भी काम कर रहा है। अब तक यहां के छात्रों को पांच से सात लाख का सालाना पैकेज मिलता रहा है, मगर अब इसे बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि पिछले दिनों कंप्यूटर इंजीनियरिंग के एक छात्र का 30 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर चयन हुआ
कॉलेज की प्राचार्य डॉ. पुष्पलता ने बताया कि छात्रों का प्लेसमेंट बढ़ा है। साथ ही उसके पैकेज बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास किया जा रहा है। इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है। वहीं इसकी तारीफ नैक टीम के सदस्यों ने भी किया था।
प्लेसमेंट सेल में शिक्षक और छात्र शामिल
बीईसी ने अपने प्लेसमेंट सेल को एक्टिव करते हुए इसमें काफी संख्या में शिक्षकों और छात्रों को जोड़कर टीम वर्क के रूप में काम करना शुरू किया है। इसमें सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गयी है। कोई कंपनी से संपर्क करता है तो कोई छात्रों को साक्षात्कार के लिए तैयार करता है। ग्रुप डिस्कशन से लेकर भाषायी अशुद्धता को भी दूर करने की दिशा में शिक्षक प्रयास करते हैं। यही नहीं, कुछ सदस्यों का काम कंपनी की जरूरत के हिसाब से छात्रों को प्रशिक्षण दिलाना है, ताकि कंपनी के लायक छात्र तैयार हो पाए। इसी आधार पर कंपनी बेहतर पैकेज देता है।
ऑनलाइन कोर्स की तरफ बढ़ी दिलचस्पी
कंपनी चयन के दौरान छात्रों की मेंटल स्ट्रेस बर्दाश्त करने की क्षमता को भी परखती है। इसके लिए वे ऑनलाइन विभिन्न कोर्स के बारे में भी जानकारी लेते हैं। कंपनी के हिसाब से तीसरे सेमेस्टर से ही छात्रों को विभिन्न ऑनलाइन कोर्स कराया जाता है। इसका फायदा भी छात्रों को बेहतर पैकेज दिलाने में किया जाता है।
ट्रिपल आईटी ने भी छात्रों को कराया था ऑनलाइन कोर्स
भागलपुर ट्रिपल आईटी ने भी छात्रों को ऑनलाइन कोर्स और प्रशिक्षण दिलाकर प्लेसमेंट की संख्या और पैकेज बढ़ाया है। ट्रिपल आईटी के प्लेसमेंट सेल इंचार्ज डॉ. गौरव कुमार ने बताया कि कंपनियों के हिसाब से डाटा स्ट्रक्चर, जावा, वेब डेवलपमेंट, एप डेवलपमेंट, बाइकेन डेवलपमेंट, डाटा बेस का प्रशिक्षण छात्रों को दिलाया गया। इसका असर हुआ कि पिछली बार की तुलना में इस बार दोगुना पैकेज मिला है। पिछली बार औसतन आठ से 10 लाख का पैकेज मिला था, इस बार औसतन 14 लाख तक गया है। अधिकतम 25 लाख का पैकेज कई छात्रों को मिला है। उन्होंने कहा कि कंपनी की जरूरत को ध्यान में रखकर अतिरिक्त प्रशिक्षण से बेहतर प्लेसमेंट की संभावना बनती है।