लोक आस्था के महापर्व में बांस या बांस से बनी वस्तुओं का बहुत खास महत्व है. इसमें सुप और दौड़ा काफी महत्वपूर्ण है. बात अगर सूप की हो तो इसका सबसे ज्यादा महत्व होता है. क्योंकि इस पर्व में इसी सूप में कई प्रकार के फल और पकवान डालकर सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाता है. इस बार मार्केट में बिहार के अलावा बंगाल का सुप आया हुआ है. जो की लोगों को खूब पसंद आ रहा है. दाम कम होने के साथ यह टिकाऊ और सुंदर भी है. इसलिए इस बार मधुबनी और नेपाल के सुप पर बंगाल का सुप भारी है.
नेपाल और मधुबनी की सुप की भी अच्छी खासी डिमांड
इसके साथ, दरभंगा के अलावा आसपास के कई जिले और कई राज्य, कुछ पड़ोसी देश नेपाल के भी सुप बड़ी मात्रा में बिक रहें हैं. बंगाल के सुप की इस बार बहुत ज्यादा डिमांड है. दुकानदार सूरज कुमार महतो बताते हैं कि नेपाल, बंगाल, मधुबनी, दरभंगा के सुप इस बार बहुत अच्छे रेट पर बिक रहे हैं, लेकिन लोगों को बंगाली सूप काफी पसंद आ रहा है. दाम की बात करें तो नेपाली सुप का दाम 120 रूपए है, बंगाली सुप का 90 रूपए, मधुबनी के सूप का 70 रूपए और दरभंगा के सूप 60 रुपए में उपलब्ध हैं.
दूर से आते हैं लोग खरीदने
गौरतलब है कि लोक आस्था का यह पर्व बिहार में इतना महत्वपूर्ण है कि प्रदेश में रहने वाले लोग साल में एक बार इस पर्व में अपने घर और गांव अवश्य आते हैं. साथ ही, छठ के सामान को खरीदने के लिए दूर दराज से मार्केट आ रहें हैं. इस बार, नेपाल के साथ बंगाल के सुप से लोग छठ करेंगे.