बिहार में नीतीश कुमार सरकार जाति गणना की तैयारियों में लग गई है। सबसे खास बात है कि इस गणना में सरकार सिर्फ लोगों की जाति ही नहीं बल्कि उनकी इनकम का भी हिसाब लेने की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो सर्वे जब शुरू किया जाएगा तो उसमें जाति के साथ-साथ लोगों की आय और आर्थिक हालत को लेकर भी डाटा लिया जाएगा।
गौरतलब है कि जातीय जनगणना के लिए जब घर-घर से जानकारी ली जाएगी तो उसमें घर चलाने वाले और रहने वाले लोगों से उनकी आर्थिक जानकारी भी ली जाएगी। जिसके बाद इस जानकारी को एक ऐप में दर्ज किया जाएगा।
बिहार सरकार के एक अधिकारी की मानें तो सर्वे से पहले ऐप बनाने के लिए राज्य की कई एजेंसियां काम पर लग गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस साल तीन जून को राज्य में सभी जातियों की गणना के लिए पारित कैबिनेट प्रस्ताव में राज्य की जनसंख्या की सामाजिक-आर्थिक हालत का डेटा एकत्र करने के कार्य को मंजूरी दी गई थी।
जीएडी अधिकारियों के अनुसार, जातीय जनगणना के लिए बिहार सरकार कई विभागों और एजेंसियों के फील्ड कर्मचारी घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। ये सब कार्य जिला और ब्लॉक स्तर पर किया जाएगा। और इन सभी के ऊपर उनके नोडल अधिकारी भी होंगे, जो कार्य की समीक्षा समय-समय पर करते रहेंगे।