बकरी पालन से इस शख्स की बदली तकदीर, सालाना कमा रहा है लाखों रुपए,जानिए कहां से मिला आईडिया

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कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. बस उसे सिद्धत से करने की जरूरत है. यही कर दिखाया है लखीसराय जिला स्थित झांखहर ग्राम के लक्ष्मण साव ने. कभी परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने के लिए लक्ष्मण साव को दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता था. हालांकि परिस्थियां बदली तो अब आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा दिया है. इनको इस मुकाम तक पहुंचाने में पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र बड़ा सहारा बना. जहां से प्रशिक्षण लेकर लक्ष्मण साव ने बकरी पालन की शुरूआत की. अभी पूरे गांव के लोग एक हजार से अधिक बकरियों का पालन कर रहे हैं. वहीं बकरी पालन से लक्ष्मण साव सालाना ढाई लाख की कमाई कर रहे हैं.

बकरी पालक लक्ष्मण साव ने बताया कि 2019 में आरसीटीआई के माध्यम से बकरी पालन का प्रशिक्षण लिया था. उस समय गांव में बकरी पालन का कोई प्रचलन नहीं था. प्रशिक्षण लेने के बाद उत्तर प्रदेश के मथुरा से 20 बकरियां खरीदी. बरबरी, ब्लैक टाइगर इत्यादि नस्ल की बकरी पालना शुरू किया. उसके बाद बकरी बेचने पर अच्छा-खासा मुनाफा हुआ. इसके बाद गांव के लोगों को भी बकरी पालन के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया. बकरी पालन के बारे में बताया कि निम्न वर्गीय परिवार के लिए बकरी पालन का व्यवसाय काफी कारगर है. लोग शुरू में काफी हिचकिचाए लेकिन धीरे-धीरे सभी ने उनकर बात को माना और आलम यह है कि लगभग प्रत्येक घर में 5 से 10 बकरी लोग पालने लगे हैं. अब स्थिति ऐसी है पूरे गावं में एक हजार से अधिक बकरियों को पाला जा रहा है. जिससे लोगों को आमदनी भी हो रही है. बकरी पालन अब गांव के लोगों के लिए आजीविका का बड़ा साधन बन गया है.

बकरी पालन से सालाना ढाई लाख की हो रही है कमाई
लक्ष्मण साव ने बताया कि बकरी पालने के बहुत सारे फायदे हैं. बरसात के दिनों में डेंगू जैसी बीमारी में बकरी का दूध काफी कारगर साबित होता है. बकरी का दूध 200 रूपए किलो तक बिक जाता है. बाजार में बकरी की कीमत 11 हजार रूपए तक मिल जाता है. लक्ष्मण साव ने बताया कि उनके पास 50 से अधिक बकरियां है. वहीं बकरी और इसका दूध बेचकर सालाना ढाई लाख की कमाई कर ले रहे है.

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