राज्य को बकरी पालन व मांस उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार बड़ी पहल करने जा रही है। पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग रोजगार सृजन के लिए समेकित बकरी एवं भेंड़ विकास योजना के तहत 50 से 60 प्रतिशत अनुदान देगा। साथ ही बैंक ऋण के ब्याज पर भी 50 प्रतिशत अनुदान का प्रविधान किया गया है।
बजट की व्यवस्था
सरकार ने इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में तत्काल 13 करोड़ रुपये बजट का प्रविधान किया है। 20 बकरी व एक बकरा, 40 बकरी व दो बकरा और सौ बकरी व पांच बकरा के पालन के लिए सरकार बेरोजगारों को प्रोत्साहन देगी। पहल के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य पशु जन्य प्रोटीन की उपलब्धता में वृद्धि के साथ ही उन्नत नस्ल के बकरी व बकरा की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
अनुदान का लाभ लेने के लिए कम से कम पांच वर्ष तक बकरी पालन करना होगा। योजना के तहत 20 बकरी और एक बकरा पालन पर करीब ढाई लाख रुपये खर्च आएगा। इसमें सवा लाख रुपये सरकार अनुदान देगी। इसी तरह 40 और सौ बकरी पालन पर यूनिट पर लागत और अनुदान का प्रविधान किया गया है।
योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर किया जाएगा। शीघ्र ही आनलाइन आवेदन के लिए लिंक खोलने की तैयारी है। इसके बाद 30 दिनों तक आवेदन का मौका दिया जाएगा। 20 बकरी पालन के लिए कम से कम 1800 वर्गफुट, 40 बकरी पालन के लिए 36 सौ वर्गफुट स्वयं या लीज की जमीन संबंधित दस्तावेज संलग्न करना होगा। आवेदन का प्रारूप भी तय कर दिया गया है।
ऐसे होगा लाभार्थी चयन
लाभार्थियों का चयन अंतिम रूप से प्रदेश स्तरीय समिति करेगी। योजना का लाभ लेने वालों में प्रशिक्षण प्राप्त आवेदकों को वरीयता दी जाएगी। शासन के स्तर से बकरी-बकरा के स्वास्थ्य की जांच, टीकाकरण और बीमा के लिए ईयर टैगिंग का प्रविधान किया गया है। योजना की प्रगति की समीक्षा प्रति माह विभाग स्तर पर की जाएगी।