बाघों की संख्या हुई 54, फिर वेरी गुड की श्रेणी में आया वाल्मीकि टाइगर रिजर्व

खबरें बिहार की जानकारी

 प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन में लगातार तीसरी बार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वेरी गुड की श्रेणी में आ गया। अप्रैल माह में इंट्री में तकनीकी गड़बड़ी के कारण इसे वेरी गुड की जगह केवल गुड ही मिला था।

आज देश के अलग-अलग टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या की जानकारी देने के बाद यह बात स्पष्ट हो गई कि वीटीआर फिर वेरी गुड रैंकिंग में आ गया। वीटीआर के क्षेत्र निदेशक डा. नेशामणि के ने बताया कि तकनीकी कारणों के चलते तब के जारी रिपोर्ट में इसे वेरी गुड नहीं मिला था, अब इसकी रैंकिंग फिर वेरी गुड मिल जाएगी।

इसके पूर्व वर्ष 2014 एवं 2018 में वीटीआर को वेरी गुड रैंकिंग मिला था। इस देश के 12 टाइगर रिजर्व को मिला है उत्तक दर्जा। जबकि 20 टाइगर रिजर्व को अति सुंदर की श्रेणी में रखा गया है।

वीटीआर सहित देश के 14 टाइगर रिजर्व को गुड रैंकिंग मिली थी, अब वीटीआर उसमें से बाहर आ जाएगा। देश के सभी टाइगर रिवर्ज में बाघों की गणना के परिणाम के साथ वहां के प्रबंधन के बारे में जानकारी सार्वजनिक की गई थी, उसमें गुड की श्रेणी में 14 टाइगर रिजर्व को रखा गया है।

इसमें वाल्मीकि टाइगर रिजर्व एमईई रैकिंग में गुड की श्रेणी में था। अब इस श्रेणी में वीटीआर को छोड़कर कवल, रथंभोर, कामलांग, संजय दुबरी, पिलिभित, अचानकमार, राजाजी, ओरांग, पलामू, सरिस्का, बक्सा, श्रीविलपूथूर मेगालमाई एवं मुकुंदारा हिल्स शामिल है।

इधर वीटीआर में बाघों की संख्या 54 होने की घोषणा के बाद वीटीआर प्रशासन सहित राज्य के पर्यावारण प्रेमी जश्न मना रहे हैं। देश में प्रोजेक्ट टाइगर के पचास वर्ष बीतने के बाद वीटीआर में बाघों की संख्या 50 पार हो गई है, जो यहां के लिए सुखद स्थिति कही जाएगी।

बेहतर हैबिटेट प्रबंधन का मिला सुखद परिणाम

वीटीआर में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2010 में 8, वर्ष 2014 में यह बढ़कर यह 23 हो गई और वर्ष 2018 में कराई गई बाघों की गणना में वीटीआर में 31 बाघ निकले। यह संख्या बड़कर वर्ष 2022 में 52 पहुंच गई। बाघों की संख्या लगातार बढ़ना यहां बेहतर हैबिटेट प्रबंधन का सुखद परिणाम होना है। खजूर प्रजाति को साफ कर उसकी जगह घास के मैदान लगाए गए।

पूरे वीटीआर में 2 हजार वर्ग हेक्टेयर से ज्यादा घास का मैदान हो गया है। इसे पांच हजार वर्ग हेक्टेयर तक बढ़ाने की योजना है। घास के मैदान बढ़ने से शाकाहारी जानवरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह बाघों के लिए अच्छा परिणाम देने वाला रहा।

अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर से लगातार मिल रही प्रशंसा

हैबिटेट प्रबंधन के मामले में वीटीआर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिल चुकी है। तीन वर्ष वीटीआर को कैट्स एक्रेडेशन हो चुका है। यह मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर की मान्यता पाने वाला वीटीआर देश 14 वां टाइगर रिजर्व हो गया।

वीटीआर को बायोडायवर्सिटी के लिए भी अवार्ड मिल चुका है। इस वर्ष मार्च में गोवाहाटी से आए एनटीसीए आईजी डब्लू लोंगवा ने मंगुराहां, गोबर्द्ध्ना, रघिया प्रक्षेत्र के अंदर से 200 किलोमीटर का दौरा किया था। अपनी टिप्पणी में वन्य जीव प्रबंधन के लिए वीटीआर को अच्छा कहा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *