राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के परिवार (Lalu Family) से जुड़ी यह बड़ी खबर है। लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) अब मां के घर लौट आए हैं। बताया जा रहा है कि तेज प्रताप के आए दिन के पार्टी व परिवार को असहज करते बयानों व कार्यों से परेशान लालू प्रसाद यादव के निर्देश पर राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने बड़े बेटे को घर पर साथ रहने के लिए मना लिया है। सूत्र कहते हैं कि परिवार का मानना है कि इस तरह तेज प्रताप बाहरी तत्वों के प्रभाव में नहीं आएंगे। तेज प्रताप का मानना रहा है कि राबड़ी आवास पर आने वाले कई लोग उनके खिलाफ साजिश रचते हैं। वहां रहकर वे भी इसपर नजर रख सकेंगे।
विवाद के बाद कर दी इस्तीफा देने की घोषणा
विदित हो कि बीते शुक्रवार को राबड़ी आवास पर आरजेडी की इफ्तार पार्टी थी, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी शिरकत की थी। आरजेडी के पटना महानगर अध्यक्ष रामराज ने आरोप लगाया कि इस पार्टी के दौरान उन्हें तेज प्रताप ने कमरे में बंद कर पीटा था। रामराज के अनुसार तेज प्रताप ने पिता लालू यादव (Lalu Yadav) एवं भाई तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के लिए भी अपशब्द कहे। इसपर सफाई देते हुए तेज प्रताप ने कहा कि रामराज प्रदेश आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह, तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव एवं आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह के बहकावे में आकर झूठे आरोप लगा रहे हैं। तेज प्रताप ने लालू प्रसाद यादव ने मिलकर पार्टी से इस्तीफा देने की भी घोषणा कर दी।
आरजेडी में तेज प्रताप के खिलाफ बना माहौल
सूत्रों के अनुसार इसके बाद आरजेडी में तेज प्रताप के खिलाफ माहौल बन गया है। वे लालू के समकक्ष व करीबी नेताओं जगदानंद सिंह व रघुवंश प्रसाद सिंह (अब दिवंगत) सहित कई के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दे चुके हैं। तेज प्रताप के बयानों से समय-समय पर आहत हुए रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी की गतिविधियों से इतने क्षुब्ध हुए कि निधन के कुछ दिनों पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया। तेज प्रताप के बयानों से जगदानंद सिंह भी आहत व नाराज होते रहे हैं, लेकिन वे लालू यादव से अपने करीबी रिश्ते के कारण पार्टी में बने हुए हैं। तेज प्रताप ने चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी के खिलाफ अपना प्रत्याशी उतार कर पार्टी को हराने का काम भी किया है।
पार्टी में बड़ी भूमिका चाहते हैं लालू के बड़े लाल
लालू के बड़े लाल तेज प्रताप खुद को किंग मेकर की भूमिका में देखना चाहते हैं। कहते हैं कि वे अपने अर्जुन (तेजस्वी) के कृष्ण हैं। वे तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने के साथ खुद के लिए आरजेडी में बड़ी भूमिका चाहते हैं, लेकिन पार्टी में उनके लिए असंतोष को देखते हुए फिलहाल ऐसा संभव नहीं दिखता।
लालू के बेटे होने के कारण नहीं हो रही कार्रवाई
सवाल यह कि इतनी गलतियां कोई अन्य पार्टी नेता करता तो क्या होता? इसका जवाब प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की इस बात में है कि तेज प्रताप अगर लालू यादव के बेटे व विधायक नहीं होते तो अभी तक उनपर कार्रवाई की जा चुकी होती।
बड़ा सवाल: क्या सच में मान गए तेज प्रताप?
बड़ा सवाल यह भी कि अब आगे क्या होगा? सूत्र बताते हैं कि लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप यादव को राबड़ी आवास पर बुलाने के लिए संदेश भेजा, जिसके आधार पर उन्हें बुलावा भेजा गया। मंगलवार देर रात वे अपनी शिकायतों के साथ राबड़ी आवास पहुंचे। वहां मां राबड़ी देवी व भाई तेजस्वी यादव सहित परिवार के सभी सदस्यों ने उनकी बातें धैर्य से सुनी। वहां तेज प्रताप को क्या आश्वासन मिले, इसका तो पता नहीं चला है, लेकिन बताया जा रहा है कि इसके बाद तेज प्रताप राबड़ी आवास में शिफ्ट हो गए हैं। तेज प्रताप ने पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक के मुकदमे के दौरान पत्नी के राबड़ी आवास में रहने के दौरान घर छोड़ दिया था। इसके बाद वे अपने स्ट्रैंड रोड स्थित सरकारी आवास में शिफ्ट कर गए थे। लालू परिवार में हुए इस नए घटनाक्रम में अब नया सवाल यह खड़ा है कि क्या तेज प्रताप सच में मान गए हैं?