बाबू कुंवर सिंह जयंती- जिन्होंने 80 साल की उम्र में भी अंग्रेजों को दी थी मात

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शाहाबाद की आन-बान-शान के प्रतिक 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के केंद्र बिंदु रहे बाबू वीर कुंवर सिंह की जन्म एवं कर्मभूमि जगदीशपुर आज राजनैतिक उपेक्षा के शिकार हो रही है। जिस महायोद्धा की तलवार की चमक से अंग्रेजी सलतनत हिल जाया करती थी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा रणबांकुरे बाबू वीर कुंवर सिंह की स्मृति में विजयोत्सव मानाने की योजना चल रही है।

आरा के पुलिस लाइन सिंगरा स्थान में वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को बाबू वीर कुंवर सिंह स्मारक समिति की बैठक की गई थी। बैठक में 26 अप्रैल को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा रणबांकुरे बाबू वीर कुंवर सिंह की स्मृति में विजयोत्सव मनाने की तैयारी की समीक्षा की गई। साथ ही कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिले के हर प्रखंडों में कार्यक्रम संचालक समिति का गठन किया गया है। ये समिति अपने-अपने इलाकों में व्यापक प्रचार-प्रसार करेंगे, ताकि विजयोत्सव के दिन आम लोगों की भी उपस्थित दिखे।

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