श्रावणी मेला में जलार्पण की कतार कम करने के मकसद से इस बार अरघा पर दो कतार लगाने की योजना बनाई गई है। यानी अरघा से दो तरफ से जलार्पण किया जा सकेगा। इस संबंध में बुधवार को हुई बैठक में प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किया गया।
अभी तक जिस प्रकार से अरघा लगाकर जलार्पण कराया जाता है, उससे एक मिनट में 100 श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण कर पाते हैं। अब प्रशासन तय कर रहा है कि अगर अरघा का विस्तार कर दिया जाए तो प्रति मिनट जल अर्पित करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो सकती है।
बाबा मंदिर मंझला खण्ड से ही दो अलग-अलग कतार के माध्यम से एक अरघा में जल डाला जा सकता है। साथ ही जलार्पण के बाद एक कतार निकास द्वार और दूसरी महिला द्वार से निकाले जाने पर भी विचार किया जा रहा है। अरघा के विस्तारीकरण की योजना को लेकर निर्माण कार्य भी चल रहा है। इसकी पुष्टि पूर्व मंत्री सह बाबा वैद्यनाथ मंदिर ट्रस्टी कृष्णानन्द झा ने की है।
16 मई से मासव्यापी मलमास मेला और फिर उसके तुरंत बाद विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू होना है। बुधवार को डीसी राहुल कुमार सिन्हा, एसपी नरेन्द्र कुमार सिंह, पूर्व मंत्री के एन झा की मौजूदगी में प्रशासनिक पदाधिकारियों की मैराथन बैठक मंदिर के प्रशासनिक भवन में हुई। बैठक के बाद अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण किया।