बाबा बागेश्वर के बिहार दौरे से क्यों तिलमिलाई RJD, तेजप्रताप-चंद्रशेखर के विरोध के पीछे की क्या है असली कहानी?

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पंडित धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर सरकार के पटना आगमन से पहले ही विपक्षी नेता तिलमिला गए हैं। लगातर उनके विरोध में विपक्षी नेता हमलावर हैं। सनातन का प्रचार प्रसार करने वाले बाबा बागेश्वर ने ये सोचा भी नहीं होगा कि राजनीतिक पार्टियां भी उनके कार्यक्रमों में बाधा बनेंगी। लेकिन बिहार की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी और उसके तमाम बड़े चेहरे एक स्वर में बाबा बागेश्वर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां तक कि पूर्व से पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में निर्धारित कार्यक्रम को अब पटना में ही शहर से बाहर नौबतपुर में शिफ्ट कर दिया गया है। किसानों ने बाबा के कार्यक्रम के लिए कई बीघे जमीन खाली कर दी है। बाबा कि लोकप्रियता कितनी है, अब इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है। एकतरफ सत्ता में शामिल लोग बाबा बागेश्वर का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरह बाबा के दिव्य दर्शन के लिए बिहार के लोग इंतजार कर रहे हैं। आरजेडी को इस विरोध का लाभ कब और कितना मिलेगा, वह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन जिस तरह से आरजेडी के बड़े चेहरों ने बाबा बागेश्वर के आगमन के विरोध में मोर्चा खोला है, उसकी भी चर्चा बिहार के आमजनमानस में हो रही है।

आडवाणी भी जेल गए थे और लोग भी जाएंगे

रामचरित मानस में अवगुण ढूंढने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने धीरेंद्र शास्त्री को इशारों ही इशारों में नसीहत दे डाली है। उन्होंने कहा है कि ‘बाबा बागेश्वर अगर गंदे काम करने आएंगे तो बिहार इजाज़त नहीं देगा, अगर नफरत फैलाने आए हो तो आडवाणी भी जेल गए थे और ये लोग भी जाएंगे। बागेश्वर बाबा हो या कोई बाबा हो, उनके पास कोई तिलस्म या चमत्कार नहीं है। यह लोग धर्म के नाम पर व्यापार करते हैं।’

बाबा बागेश्वर के लिए चनौती बने लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप

लालू प्रसाद के बड़े बेटे मंत्री तेजप्रताप यादव धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ DSS के युवाओं को ट्रेंड कर रहे हैं। कैसे और कब विरोध जताना है, इस बात की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस बात कि जानकारी तेजप्रताप ने अपने सोशल के प्लेटफॉर्म ट्विटर पर भी दिया है। हालांकि हमेशा भक्ति भाव में डूबे रहने वाले तेजप्रताप यादव पहली बार अपने से ज्यादा पढ़े लिखे ‘शास्त्री’ की योग्यता रखने वाले धीरेंद्र शास्त्री का विरोध कर रहे हैं। बाबा बागेश्वर के लिए चुनौती बने हुए हैं।

बिहार में हो रही है तुष्टीकरण की राजनीति

 


केंद्रीय मंत्री व बीजेपी के फायर ब्रिगेड नेता बाबा बागेश्वर के पूर्व से पटना के गांधी मैदान में निर्धारित कार्यक्रम के बदले जाने पर आपत्ति जताई है। यहां तक उन्होंने कह दिया है कि बिहार में सरकार विशेष जाति धर्म के लोगों को खुश करने में लगी हुई है। पूरी तरह से तुष्टीकरण की राजनीति हो रही है।

13 से 17 मई तक होगा कार्यक्रम

नौबतपुर में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्थानीय लोगों आयोजन समिति के लोगों ने एड़ी चोटी एक कर दिया है। दिन रात लोग भक्ति भाव से बाबा के कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं। अनुमान ये लगाया जा रहा है कि 13 से 17 मई तक आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार के कोने-कोने से आए हजारों हनुमान भक्त शामिल होंगे। इस में बाबा बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार भी सजेंगे। जहां भक्त अपनी-अपनी अर्जी लगाते दिखेंगे।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर सरकार अपने दिव्य दरबार के लिए विवादों में रहे हैं। हालांकि उन्होंने पहले ही अपनी सफाई पेश कर दी है, उन्होंने ये कह दिया है कि वो कोई चमत्कारी या दिव्य पुरूष नहीं हैं। सनातन के प्रचार प्रसार करने वाले एक हनुमान भक्त हैं। अब देखना ये होगा कि पटना में सजने वाले बाबा के दिव्य दरबार में आने वाले भक्तों का क्या रुझान होता है। बाबा बागेश्वर के आने से पहले तिलमिलाए विपक्षी नेता, गरमाई बिहार की सियासत।

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