बाबा बागेश्वर के बाद मटन-चावल पर सियासत शुरू, ललन सिंह के भोज पर भाजपा ने उठाए गंभीर सवाल

जानकारी राजनीति

बिहार में बागेश्वरधाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम का बुधवार को अंतिम दिन है। बागेश्वर बाबा पर लगातार राजनीतिक बयानबाजी का दौर अब लगभग शांत होने को है।

हालांकि, इस बीच बिहार की सियासी गलियारों में नया मुद्दा उठ गया है। पक्ष-विपक्ष के नेता अब मटन-चावल के मुद्दे पर भिड़ गए हैं। मामला जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह द्वारा मटन-चावल के भोज के आयोजन से जुड़ा है।

दरअसल, ललन सिंह ने 14 मई को अपने संसदीय क्षेत्र मुंगेर में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं के लिए मटन-चावल के भोज का आयोजन किया था। हालांकि, उसमें शाकाहारी लोगों के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई थी।

उक्त भोज को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने निशाना साधते हुए कहा था कि लोग राजनीतिक लाभ के लिए मीट-चावल खिला रहे हैं और शराब परोस रहे हैं।

सम्राट चौधरी ने कहा था कि कोई कुछ भी कर ले, लाभ होने वाला नहीं है। जेडीयू अब अंतिम दौर में है। साल 2025 तक इसका अंत हो जाएगा। लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल का तो कुछ भी नहीं बचेगा।

जदयू ने सम्राट चौधरी से की माफी की मांग

सम्राट चौधरी के बयान पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि सम्राट ने छुटभैया नेता की तरह बयानबाजी की है। इसका खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ेगा। अगर सम्राट चौधरी माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से भी कहा कि अपने प्रदेश अध्यक्ष को समझाएं कि राजनीति में मर्यादा नाम की भी चीज होती है।

बात पर कायम हैं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

हालांकि, इसपर प्रतिक्रिया देते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं कही है। वहां जितने लोग थे, उनकी मेडिकल जांच होनी चाहिए। पूरे मामले की जांच हो तो सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।

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