बीएड स्पेशल एजुकेशन की डिग्री हासिल करने वाले भी अब कक्षा एक से पांचवीं तक के शिक्षक बन सकेंगे I एनसीटीई ने इसकी अधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी हैI इससे पहले एनसीटीई ने बीएड स्पेशल एजुकेशन डिग्रीधारियों को कक्षा छह से आठवीं तक के शिक्षक बनने के लिए योग्य घोषित किया थाI बीएड स्पेशल एजुकेशन की डिग्री भारतीय पुनर्वास परिषद (आर सी आई) से मान्यता प्राप्त होनी चाहिएI इसके लिए एनसीटीई से मान्यता हासिल करने की कोई आवश्यकता नहीं है I लेकिन एनसीटीई ने एक शर्त भी रखा है कि सरकारी स्कूल में नियुक्ति के छह महीने के भीतर ऐसे शिक्षकों को एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त छह महीने का कोर्स भी पूरा करना होगाI इसका फायदा बिहार में शिक्षक बनना चाह रहे अभ्यर्थियों को भी होगा।
राज्य के 80 हजार स्कूलों में शिक्षक बनने का मिलेगा मौका
समावेशी शिक्षा के एक्सपर्ट और पटना यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य डॉ. कुमार संजीव ने कहा है कि एनसीटीई के इस फैसले से अब राज्य के लगभग 80 हजार सरकारी स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर्स को शिक्षक बनने का मौका मिलेगाI राज्य के सभी प्रारंभिक स्कूलों में 2006 से ही समावेशी शिक्षा नीति लागू हैI इसके तहत सरकार सामान्य एवं दिव्यांग बालकों को एक ही स्कूल के छत के नीचे पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध करवा रही है, ताकि दिव्यांग बालकों के साथ किसी तरह का भेद-भाव नहीं हो सके।
दिव्यांग बच्चों को मिलेगा समावेशी शिक्षा ग्रहण करने का मौका
डॉ. संजीव ने कहा है कि वर्ष 2016 से ही पूरे देश में दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम भी पूरे देश में लागू है I एनसीटीई की इस पहल से अब स्कूलों में पठन-पाठन कर रहे 21 तरह के दिव्यांग बालक-बालिकाओं को समावेशी शिक्षा ग्रहण करने का मौका मिलेगाI वे मुख्यधारा के विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर सकेंगेI डॉ. संजीव ने कहा है कि बीएड स्पेशल एजुकेशन डिग्रीधारकों को भी शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने का मौका राज्य सरकार को देनी चाहिए।