कुछ नया और अलग करने का जूनून हो तो उम्र और प्रतिभा का कोई सम्बन्ध नहीं होता। कई लोग अपनी ज़िन्दगी के आखरी पड़ाव तक कुछ नहीं कर पाते तो कोई अपना जीवन शुरू करते ही ऐसा कारनामा कर जाता है कि पूरी दुनिया को उसपर नाज़ होता है।
ऐसा ही कुछ कारनामा किया दरभंगा के अल्लपट्टी में रहने वाले मनोज कुमार और कंचन कामिनी के 11 साल के पुत्र आयुष दीप ने। आयुष दरभंगा के अल्लपट्टी के वुडबाईन स्कूल के इस छात्र ने घर पर पड़े सामान से मिनी प्रोजेक्टर बनाकर सबको सबको हैरत में दाल दिया।
आयुष दीप ने बताया कि उसने एक 100 वाट के बल्ब की मदद से उसने यह प्रोजेक्टर को बनाया है। सबसे पहले से सावधानी पूर्वक 100 वाट के एक बल्ब के अंदर का टंगस्टन को निकालकर उसमें सादा पानी भरा। फिर घर पर पड़े जूते या चप्पल का कार्टुन लेकर उसमें बल्ब को सेट किया।
प्रयोग के तौर पर मोबाइल का एक विडियो चलाने के बाद यह प्रोजेक्टर की तरह अँधेरे कमरे में सफ़ेद दीवार पर विडियो का प्रतिबिम्ब दिखाने लगा।