बाल विवाह व दहेज से जुड़े मामलों पर नजर रखने के लिए धावा दल तैयार किए जाएंगे। समाज कल्याण विभाग व विभिन्न विभागों के सहयोग से धावा दल का गठन किया जाएगा। इसमें सरकारी पदाधिकारी व कर्मचारी दोनों शामिल होंगे।
धावा दल जिला व प्रखंड स्तर पर गठित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो अक्टूबर को राज्य में बाल विवाह निषेध एवं दहेजबंदी जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया था।
अब इसे पंचायत स्तर तक ले जाने की तैयारी की जा रही है। समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित बिहार राज्य महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक एन. विजयालक्ष्मी ने बताया कि जागरूकता ही कुरीतियों को समाप्त करने का सबसे बड़ा हथियार है।
इसमें समाज के सभी वर्गों का सहयोग लिया जाएगा। धावा दल बाल विवाह की सूचना मिलने अथवा दहेज के लेन-देन मामले में पीड़ित पक्ष द्वारा दी गयी सूचना पर तत्काल कार्रवाई करेगा।
गंभीर मामले में पहले महिला थाने में काउंसिलिंग की जाएगी। इसके बाद भी मामले में परिवर्तन नहीं आने पर महिला थाना के सहयोग से कार्रवाई की जाएगी। दहेज के मामले में छह महीने की सजा और जुर्माना भी हो सकता है।
साथ ही धावा दल जागरूकता संदेश को पंचायत स्तर तक पहुंचाएगा। वह दहेजप्रथा व बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आमजनों को जागरूक करेगा।
धावा दल को दिया जाएगा प्रशिक्षण
विभागीय सूत्रों ने बताया कि धावा दल को उनके कार्यों को लेकर प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें कार्रवाई एवं जागरूकता दोनों पक्षों की जानकारी दी जाएगी। इसमें पंचायतीराज, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, समाज कल्याण सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी व कर्मी शामिल होंगे।