बिहार में शराबबंदी के बाद दहेज़ के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही कर दी है। बीआर अंबेडकर की 126वीं जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दहेज के चलन की जोरदार आलोचना करते हुए नितीश कुमार ने लोगों से अपील किया कि वह दहेज के लेनदेन वाली शादियों में शरीक न हों।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे विवाह समारोह में शामिल नहीं हो जहां आपको दहेज के लेनदेन की जानकारी हो। हमें अपने रास्ते से दहेज व्यवस्था को हटाना है।” मुख्यमंत्री ने बाल विवाह के खिलाफ भी जोरदार आवाज बुलंद करते हुए लोगों से अपील की कि वे इस सामाजिक बुराई से दूरी बनाकर रखें।
हालांकि नीतीश ने सामाजिक रूप से बहिष्कार के अलावा अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया हैं कि आखिर दहेज़ प्रथा के खिलाफ अपने अभियान को वे तार्किक परिणीति तक कैसे पहुंचाएंगे, लेकिन उनकी पार्टी के नेता मानते हैं कि शराबबंदी की तुलना में दहेज़ और बाल विवाह के खिलाफ अभियान पर भाषण देना आसान हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर लागू करना उतना ही मुश्किल।