मुंगेर की बेटी अंकिता सिंह की झारखंड के दुमका में हत्या की खबर से उनके पैतृक गांव भलगुड़ी के लोगों में मायूसी के साथ आक्रोश है। संग्रामपुर प्रखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर भलगुड़ी गांव है। मंगलवार दोपहर गांव पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने मंदिर के पास के मकान को अंकिता का घर बताया। घर बंद पड़ा था।
रामनवमी और छठ पूजा में आती थी भलगुड़ी
ग्रामीण सुरेश यादव ने बताया कि अंकिता अपने पिता संजीव सिंह के साथ रामनवमी एवं छठ पर्व में घर आती थी। वह बहुत मिलनसार थी। अंकिता की हत्या की खबर ग्रामीणों को सोमवार को मिली। अंकिता की हत्या से गांव के लोग मायूस हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अंकिता के हत्यारे को जल्द से जल्द फांसी हो।
20 साल पहले दुमका में रहने लगा था परिवार
ग्रामीण गोपाल सिंह ने बताया कि भलगुड़ी गांव से अंकिता के दादा अनिल सिंह अपने पुत्र संजीव सिंह के साथ करीब 20 साल पहले दुमका चले गये। यहां उनकी जमीन थी जो बिक चुकी है। संजीव सिंह परिवार के साथ छठ पर्व और रामनवमी में आते हैं। संजीव सिंह के घर के सामने बजरंगबली का मंदिर है। अंकिता के दादा अनिल सिंह ने अपने पिता स्व कमलेश्वरी सिंह एवं माता स्व. पद्मा देवी की पुण्य स्मृति में 2004 मंदिर बनवाया था। छठ पर्व के साथ रामनवमी ने पूजा के लिए जरूर आते थे और दो-तीन यहां रहकर हमलोगों से मिलते थे। अब यहां सिर्फ घर रह गया है। जमीन बिक चुकी है। ग्रामीणों की मांग है कि अंकिता के हत्यारे को फांसी की सजा दिया जाना चाहिए।
दुमका में 23 अगस्त को घर में सो रही अंकिता पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई थी। झुलसी अंकिता की इलाज के दौरान रांची के रिम्स में मौत हो गई।