वैशाली के खनका पोखर में बुधवार को अवैध रूप से मिट्टी खुदाई हो रही थी। इसी दौरान मजदूरों को एक भारी भरकम पाल कालीन त्रिमुखी मूर्ति मिली।
तीन मुखों वाली इस मूर्ति को देख कर लोगों ने बताया कि ब्रह्मा, विष्णु महेश की मूर्ति है। यह गंधार शैली में काले पत्थर की बनी हुई है। इसकी लंबाई 124 सेमी और चौड़ाई 53 सेमी है। इसकी कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सूचना पर पहुंचे पुरातत्व विभाग के सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. जेके तिवारी, वैशाली म्यूजियम के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन ने मूर्ति का अवलोकन किया घटनास्थल का निरीक्षण कर खुदाई पर तत्काल रोक लगा दी।
बाद में विचार-विमर्श कर उस मूर्ति को गढ़ के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित मूर्ति-विहीन बालाजी मंदिर में बरामद मूर्ति की स्थापना कर पूजा-पाठ शुरू कर दिया गया है।