16 बीघा क्षेत्र में फैला बरगद का यह पेड़ राजस्थान के राजसमंद जिले में है। इस पेड़ को ग्रामीण देवता की तरह पूजते हैं।
इनकी मान्यता के अनुसार इसकाएक पत्ता तक तोड़ने की मनाही है। भागल में करीब 70 घरों की बस्ती है, जिनकी आबादी दो सौ है। पेड़ की टहनियां इतनी सघन हैं कि गांव के लोग परिवार सहित इसके नीचे आपदा के वक्त रह सकते हैं। पर्यटन विभाग इसे टूरिस्ट प्वाइंट के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है।
ग्रामीण गंगा सिंह दसाणा और अमर सिंह ने बताया कि पेड़ कितना पुराना है इसका ठीक से अंदाजा तो नहीं है लेकिन उनकी 10-12 से भी ज्यादा पीढ़ियां इस पेड़ के नीचे पली-बढ़ी हैं।
गांव में कितना भी अकाल पड़ा लेकिन यह पेड़ कभी सूखा नहीं। पेड़ की जड़ में आमज माता का स्थान बनाया हुआ है। यहां वर्षों से अखंड ज्योत जलती है।
पिछले दिनों यहां मंदिर बनाने पर भी चर्चा हुई, लेकिन मान्यता को देखते हुए पेड़ को ही मंदिर मान कर पूजा की जाती है। हर रविवार को यहां श्रद्धालु धोक देने आते हैं। इन दिनो तेज गर्मी के चलते यहां रहने वाले बच्चें दिन में खेलते दिखाई पड़ते हैं।
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