बिहार आदिकाल से ही शिक्षा मे अपने देश सहित पूरे विश्व मे अपना वर्चस्व कायम रखा है. आज के समय मे भी देश मे सबसे अधिक आइएएस, आइआइटी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं मे बिहारी स्टूडेन्टस सबसे अधिक सफल हो रहे. बिहारी
प्रतिभा कभी पहचान का मोहताज नही होते. अपने काबिलियत के बल पर अपनी पहचान खुद बना लेते है.आप सभी को दो ऐसे बिहारी गणितज्ञ के बारे मे हम रूबरू करा रहे है जो बिहार का नाम देश बिदेश मे रौशन कर रहे. एक बिहारी सुपर 30 आनंद कुमार को कौन नही जानता. जो प्रत्येक वर्ष आइआइटी मे शत प्रतिशत रिजल्ट देकर पूरे देश विदेश मे बिहार का नाम रौशन कर रहे.
दूसरे तरफ बिहार का उभरता चेहरा मैथेमेटिक्स गुरू आर के श्रीवास्तव जो देश का सबसे जीनीयस बच्चा गुगल ब्वाय कौटिल्य पंडित के गूरू है. आर के श्रीवास्तव के द्वारा विगत वर्षों से आर्थिक रूप से गरीबों की नहीं रूकेगी पढ़ाई अभियान चलाया जाता है।इस अभियान के लाभ के तहत दर्जनों गरीब बच्चे आइआइटी सहित देश के विभिन्न प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग काॅलेजो मे दाखिला ले अपने सपनो को पंख लगा रहे।
चाहे वे सब्जी बिक्रेता का पुत्र हो या पान बिक्रेता का । ये बच्चे आज अपनी गरीबी को काफी पीछे छोड़ देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग काॅलेजो मे मनचाहे ब्रांच लेकर पढ़ाई कर रहे।
सूर्यपूरा रोहतास के परड़िया निवासी किसान सत्येन्द्र जी का पुत्र विवेक फ्लाइंग आॅफिसर बन गया। विवेक ने एनडीए मे 22 रैक लाया। ट्रेनिंग के बाद जब अपने गाॅव आया तो अपने पिता के साथ अपने गुरू आर के श्रीवास्तव से मिलने अपने शैक्षणिक संस्थान आया। और पुराने दिन याद करने लगा की इसी क्लासरूम और इसी बेच पर बैठकर हमने पढ़ाई पूरी कर आज इस मुकाम तक पहुँचा हूँ।
विवेक के पिता सत्येन्द्र जी ने अपने बच्चे के सफलता का श्रेय गणितज्ञ आर के श्रीवास्तव का बच्चों के प्रति अपनापन तथा बच्चों के पढ़ाई मे निरंतर किये जा रहे मेहनत को दिया. विगत वर्षों से आर्थिक रूप से गरीबो की नहीं रूकेगी पढ़ाई अभियान मैथेमेटिक्स गुरू आर के श्रीवास्तव के द्वारा चलाया जाता है.
इस अभियान के लाभ के तहत दर्जनों से अधिक स्टेडेन्टस देश के प्रतिष्ठित इंजिनियरिंग काॅलेजो मे पढ़ाई कर रहे है. तथा कुछ बच्चे अपने परिवार के गरीबी को काफी पीछे छोड़ आज देश के प्रतिष्ठित कम्पनीयो मे बड़े प्लेस्मेन्ट के साथ कार्यरत है. चाहे वह कोवाथ मझौली निवासी गरीब किसान जितेन्द्र बहादुर स्वरूप का पुत्र मुकेश जो एनआईटी सिल्चर से बीटेक करने के बाद अगले वर्ष ही गेट मे अच्छे रैक लाकर आइआइटी दिल्ली मे पढ़ाई करने लगा।
आज मुकेश की गरीबी मैथेमेटिक्स गुरू आर के श्रीवास्तव के अभियान के बदौलत काफी दूर छूट गया। आज मुकेश ओएनजीसी मे आॅफिसर के पद पर कार्यरत है। जिस घर मे दो वक्त की रोटी भी कभी कष्ट से मिलता. आज बेटे को मिल रहे लाखों से अधिक मासिक वेतन से पिता के आॅखो मे खुशी के आॅसू आ जाते। मुकेश के पिता जितेन्द्र बहादुर स्वरूप ने बताया की आज मेरा बेटा जिस मुकाम तक पहुँचा है उसका सारा श्रेय आर के श्रीवास्तव सर को जाता है।
इन्होंने हमारे बच्चे को दिन रात पढ़ाने के अलावा शिक्षा संबंधी हर सहयोग प्रदान किया जो हमारे बच्चे की जरूरत रहा. इसके अलावा मोथा निवासी सब्जी विक्रेता संजय गुप्ता के पुत्र श्रीराम के सपने को भी पंख आर के श्रीवास्तव ने दिया. श्रीराम ने भी गरीबी को पीछे छोड़ बिहार इंजीनियरिंग मे बेहतर रैक के साथ सफल होकर भागलपूर इंजीनियरिंग काॅलेज से पढ़ाई पूरी किया.आज श्रीराम अच्छे तनखा के साथ बड़ी कम्पनी मे कार्यरत है.
बिक्रमगंज निवासी पान विक्रेता राजकुमार साह का पुत्र सचिन बीते वर्ष आइआइटी मे सफलता अर्जित कर अपने शहर और परिवार का नाम रौशन किया. इसके अलावा भी दर्जनों बच्चे मैथेमेटिक्स गुरू आर के श्रीवास्तव के शिक्षा मे दिये जा रहे निरंतर योगदान से सफलता की नई इमारत खड़ा कर रहे. जैसे मुंजी निवासी निरंजन जी के पुत्र वलेन्द्र सिंह अमन आइआइटी से पास होकर बड़ी कम्पनी मे नौकरी कर रहा।
दावथ डिहरा निवासी गरीब किसान पुत्र जगजीत के सपनों को ऊॅची उड़ान आर के श्रीवास्तव ने दिया. जगजीत आइआइटी मे सफलता अर्जित कर अपने सपनों को पूरा किया.और यह साबित किया की गरीबी अभिशाप नही बन सकता है वरदान.पिछले वर्षो सूर्यपूरा के किसान पुत्र उज्ज्वल अनुराग आइआइटी मे सफलता अर्जित कर अपने सपनों को पंख लगाया।
आज उज्ज्वल आइआइटी बीएचयू मे पढ़ाई कर रहा है.इसके अलावा भी बहुत सारे स्टूडेन्टस स्टेट इंजीनियरिग मे बेहतर रैक लाकर काॅलेजो मे अपने मनचाहे ब्राॅच लेकर पढ़ रहे है। तथा उनमें से बहुत सारे बच्चे पासआउट होकर आज बड़े कम्पनीयो मे अच्छे प्लेस्मेन्ट के साथ कार्यरत है.