बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने बिहार सहित देश के कई बाढ़ प्रभावित राज्यों के प्रति चिंता जाहिर की है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना योगदान दें ताकि बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद की जा सके. बिहार में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. यहां बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 253 पहुंच गयी है जबकि 18 जिलों के करीब 1 करोड़ 26 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
एनडीआरएफ की 28 टीम 1152 जवानों एवं 118 नौकाओं के साथ, एसडीआरएफ की 16 टीम 446 जवानों एवं 92 नौकाओं के साथ तथा सेना की 7 कॉलम 630 जवानों और 70 नौकाओं के साथ बचाव एवं राहत कार्य में जुटे हुए हैं. ऐसे में आमिर ने आम लोगों से भी इनकी मदद करने की अपील की है.
गौरतलब है कि आमिर से पहले मनोज वाजपेयी ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग करते हुए ट्वीट किया था कि मैंने हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से प्राकृतिक आपदा से प्रभावित इलाकों पर मदद की अपील की है. उम्मीद और प्रार्थना है कि लोगों के पास जल्द से जल्द मदद पहुंचेगी.
मनोज ने ट्वीट कर लिखा कि बिहार के पश्चिमी चंपारण में बाढ़ की स्थिति बहुत विनाशकारी है. हमारा गांव इससे बहुत प्रभावित है. लोग खाने की कमी से जूझ रहे हैं.
बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में बाढ़ से बुरे हालात बने हुए है. यहां भी क़रीब 20 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. बाढ़ की वजह से 69 लोगों की मौत की ख़बर है, जबकि 24 जिलों के करीब ढाई हज़ार गांवाें में बाढ़ का असर है. यहां बनाए गए राहत शिविरों में करीब 40 हजार लोग रह रहे हैं.
असम में भी बाढ़ से बीते करीब दो महीने से यहां बाढ़ की वजह से लाखों लोग अपनी जगह से विस्थापित हो चुके हैं. इस बार आयी बाढ़ में बीते दस दिनों में 60 लोगों की मौत हुई है. वहीं बताया जा रहा है कि बीते दो महीनों में असम में करीब डेढ़ सौ लोगों की मौत हुई है.
आमिर खान ये बातें अपनी आगामी फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ के एक इवेंट के दौरान कही. इस फिल्म का पहला गाना ‘मैं कौन हूं…’ रिलीज कर दिया गया है. इस फिल्म में जायरा वसीम मुख्य भूमिका में नजर आनेवाली हैं जो आमिर संग फिल्म ‘दंगल’ में उनकी बेटी के किरदार में नजर आ चुकी हैं.
‘सीक्रेट सुपरस्टार’ को अद्वैत चंदन ने डायरेक्ट किया है. यह आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म है. इस फिल्म में आमिर खान भी एक डिफ्रेंट अंदाज में नजर आ रहे हैं. फिल्म 19 अक्टूबर को रिलीज हो रही है.
हर साल बस गिनती गिनने के अलावा, कुच्छ ऐसा नही कर सकते जिससे गिनती गिनने की ज़रूरत ही ना पडे ! हां ऐसा हो सकता हैं !
राहत कोष का वेबसाइट बताने का कष्ट करे !