रोजी रोटी की तलाश में कई लोग अपने वतन को छोड़कर सात समंदर पार दूसरे देशों में चले गए। आज वह वही बस गए हैं। पर, अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को आज भी संजो कर रखा है।ऐसे ही नगर में निवास करने वाले कुछ लोग अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में बसे हुए हैं। जो प्रत्येक वर्ष अपने माटी की खुशबू वहां पर भी बिखरते हैं। यहां पर छठ पूजा मनाई जाती है। अमेरिका के न्यू जर्सी में रहने वाले इंजीनियर प्रशांत प्रभाकर का कहना है कि अपने बच्चों को अपनी संस्कृति और पर्व त्योहारों के बारे में जानकारी देना जरूरी है।
बिहार और झारखंड के लोगों की बनी है कमेटी
इसलिए प्रत्येक वर्ष छठ पूजा यहां पर भी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर एक कमेटी बनी हुई है। इसमें बिहार और झारखंड के लोग शामिल हैं। जो सम्मिलित रूप से छठ पूजा मनाते हैं। इसके लिए कमेटी की तरफ से ही स्थल का चयन छठ पूजा के लिए किया जाता है। साथ ही पूजा में लगने वाले सामग्री भी उन्हीं के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।
ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट, सिडनी और मेलबर्न में रहने वाले अर्पित आनंद,मंजू, प्रियंका, संतोष गुप्ता, प्रतीक उपाध्याय का कहना है कि कई जगह स्विमिंग पुल में ही छठ पूजा किया जाता है। पर, अब लोगों की संख्या बढ़ी है तो, छठ घाट पर भी किया जाता है। यहां पर भी घाट पर पारंपरिक छठ गीत बजते हैं।
साफ सफाई को लेकर ध्यान रखना पड़ता है
साफ सफाई को लेकर ध्यान रखना पड़ता है। कूड़ा फैलाने पर पाबंदी है। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में रहने वाले नगर निवासी प्रकाश पाल और निधि पाल का कहना है कि सामूहिक रूप से लोग इकट्ठा होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यहां पर भी छठ पूजा में लगने वाले ठेकुआ, खजूर समेत अन्य सामग्री तैयार किया जाता है।
पूजा का सामान यहां पर भी स्टोर में मिल जाता है। कुछ बिहार से आने वाले मित्रों से मंगा लिया जाता है। अमेरिका में रहने वाली नेहा का कहना है कि स्थानीय लोग भी हमारी भावनाओं का सम्मान करते हैं। प्रसाद ग्रहण करने आते हैं। त्योहार की खुशियां एक दूसरे के साथ मिलकर बांटते हैं। बता दें कि इस पूजा पर कई लोग विदेश से भी अपने घर आकर घर परिवार के साथ इस पूजा में शामिल होते हैं।