विपक्ष के नेता विजय सिन्हा को विधानसभा में शुक्रवार को घंटे भर से अधिक का समय मिला, लेकिन शोर शराबा और टोेका-टोकी के कारण वे अपनी बात सदन में नहीं रख पाए। वे ग्रामीण विकास विभाग के द्वितीय अनुपूरक पर बोल रहे थे। इस विषय के बदले वे जहरीली शराब पर बोलने लगे।
विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने कहा- लगता है आपको ग्रामीण विकास विभाग की जानकारी नहीं है। अध्यक्ष ने उनसे कई बार विषय पर आने का आग्रह किया। लेकिन, जल्द ही शराब बंदी के विषय पर आ जाते थे।
उसी समय राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने सदन को सूचना दी कि विपक्ष नेता के एक संबंधी के घर से हजारों शराब की बोतल बरामदगी हुई है। भाई वीरेंद्र की टिप्पणी पर भाजपा के कई विधायक खड़े हो गए। हालांकि यह विवाद सदन में ज्यादा देर तक नहीं टिका। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आदमी को बीमारी पकड़ लेती है। तो वह बोलते रहता है- तीन गो, दो गो, पांच गो। हालांकि उन्होंने किसी प्रसंग का जिक्र नहीं किया।
नंदकिशोर ने निभाई पंच की भूमिका
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता के बारे में कहा कि ये एक ही बात को बार-बार बोल रहे हैं। आपके पास आंकड़ा है तो दीजिए। सिन्हा ने अध्यक्ष को इंगित कर कहा- अब आप उम्र की अंतिम दहलीज पर हैं। इस पर सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने शोर शराबा किया। नल जल योजना में घोटाले की चर्चा हाे रही थी। अध्यक्ष बोले- मैं भी बिहार से बाहर का नहीं हूं। यहीं का हूं। यहीं बैठा हुआ हूं। भाजपा के वरिष्ठ विधायक नंद किशोर यादव शुक्रवार को विधानसभा और विपक्ष के नेता के बीच पंच की भूमिका में थे। सत्तारूढ़ दल के सदस्य जब कभी सिन्हा के भाषण में बाधा डालते, तो नंदकिशोर बोलते इनको बोलने दीजिए।
भाजपा सदस्य आए सदन के बीच में
दूसरी पाली की शुरुआत के समय भी भाजपा के विधायक सदन के बीच में आ गए थे। अध्यक्ष आग्रह कर रहे थे कि पहले सदस्यों को अपनी जगह पर बिठाएं। सदस्य अपनी जगह पर बैठ गए। फिर भी विपक्ष के नेता को बोलने में परेशानी हो रही थी। तभी नंदकिशोर यादव ने कहा- कि विपक्ष के नेता को भी बोलने का अवसर दें। आपको विचारों से असहमति हो सकती है। लेकिन, आप किसी को बोलने से रोक कैसे सकते हैं। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कोई आसन को आदेश नहीं दे सकता है। आप विपक्ष के पक्ष में झुक जाते हैं। फिर भी ये लोग आपकी बात नहीं मानते हैं।