एयरपोर्ट और मेट्रो में दिखेगी बिहार के पर्यटन स्थलों की झलक, होर्डिंग, बैनर-पोस्टर लगाएगा विभाग; पढ़ें फैसले की वजह

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देश के हवाई अड्डा और मेट्रो स्टेशनों पर बिहार के पर्यटन स्थलों की झलक दिखेगी। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग ने यह निर्णय लिया है। इसके तहत विभाग की ओर से होर्डिंग, बैनर-पोस्टर भी लगाए जाएंगे। कोरोना काल में सबसे अधिक असर पर्यटकों पर हुआ है। बीते कई वर्षों से बिहार में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही थी, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण वर्ष 2020 और 2021 में पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आ गई

अब चूंकि कोरोना का कहर धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। इसलिए सरकार ने तय किया है कि एक बार फिर से पर्यटकों को बिहार लाया जाए। इसलिए पर्यटन विभाग ने तय किया है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में देश के सभी एयरपोर्ट, मेट्रो के अलावा अन्य प्रमुख व सार्वजनिक स्थलों पर बिहार के पर्यटन स्थलों की जानकारी दी जाए। इसके लिए विभाग ने शॉर्ट फिल्म तैयार करने का निर्णय लिया है।

राज्य के प्रमुख पर्यटकीय स्थलों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री भी बनाई जाएगी। छोटे-छोटे वीडियो क्लिप तैयार किए जाएंगे जो एयरपोर्ट व मेट्रो स्टेशन पर चलाए जाएंगे। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सहित अन्य हवाई अड्डा पर नियमित अंतराल पर ऑडियो-वीडियो के माध्यम से पर्यटकीय स्थलों की जानकारी दी जाएगी ताकि देश-विदेश के पर्यटक बिहार आ सकें।

अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार का फोकस पर्यटन के क्षेत्र में बिहार को ब्रांड बनाने पर है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पर्यटन परिपथों को चिह्नित और विकसित किया गया है। इसमें बौद्ध परिपथ, रामायण परिपथ, सूफी परिपथ, जैन परिपथ, गुरु परिपथ, शिव-कांवरिया परिपथ व गांधी परिपथ महत्वपूर्ण है। बोधगया में 95.61 लाख से पर्यटन सूचना केंद्र का आधुनिकीकरण हुआ है।

बोधगया में 13,615.00 लाख से राजकीय अतिथिगृह का निर्माण

बोधगया में ही 13,615.00 लाख से राजकीय अतिथिगृह का निर्माण हुआ। रज्जु मार्ग और राजगीर के आसपास के क्षेत्रों में 1638.73 लाख से विकसित किया गया है। 786 लाख से गया में कोटेश्वर धाम मंदिर का उन्नयन तो 912.10 लाख से पूर्णिया में सात स्थानों पर पर्यटन सुख-सुविधाओं और दृश्यावली का विकास हुआ। प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज की स्वदेश योजना के तहत जैन परिपथ का विकास, कांवरिया परिपथ का विकास, मंदार पर्वत और अंग प्रदेश का विकास के साथ ही गांधी परिपथ का विकास हुआ है।

पर्यटकों की संख्या (लाख में)

साल   देशी   विदेशी

2012 214.5 10.9

2013 215.9 7.7

2014 225.4 8.3

2015 280.3 9.2

2016 285.2 10.1

2017 324.1 10.8

2018 336.2 10.9

2019 339.9 10.9

2020 56.4 3.0

2021 2.50 0.01

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