संस्कृति ने अपने घर में ही रहकर सिविल सेवा की परीक्षा के लिए पढ़ाई की है। वे अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के कुशल मार्गदर्शन और स्वाध्याय को देती है। जमुई के नगर क्षेत्र स्थित बम्बई कालोनी निवासी आनंद प्रकाश त्रिवेदी की छोटी पुत्री संस्कृति त्रिवेदी की इस सफलता से स्वजनों में हर्ष व्याप्त है। घर पर बधाई देनेवालों का तांता लगा हुआ है।

संस्कृति त्रिवेदी ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के दौरान मेरे पिता आनंद प्रकाश त्रिवेदी और माता सुनीता त्रिवेदी ने हर कदम पर मेरा साथ दिया। उन्होंने हमेशा मुझे कुशल मार्गदर्शन देने का कार्य किया। मैंने यह मुकाम स्वाध्याय के बल पर हासिल किया है। इसके लिए फोरम इंस्टीट्यूट से भी टेस्ट सीरीज लिया।
संस्कृति बताती हैं कि इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए मैंने प्रत्येक दिन 15 से 17 घंटे अनवरत रूप से पढ़ाई की, जिसके बाद मुझे यह मुकाम हासिल हुआ है। मेरी बड़ी बहन अधिश्री त्रिवेदी ने भी मुझे भरपूर मानसिक समर्थन दिया।
रांची से की 12वीं तक की पढ़ाई
संस्कृति ने साल 2014 में अपनी दसवीं की परीक्षा 10 CGPA और 12वीं की परीक्षा 9.4 CGPA के साथ रांची के जवाहर विद्या मंदिर श्यामली से पास की है। इसके पश्चात उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज से 2019 में 75 फीसद अंक के साथ राजनीति शास्त्र से स्नातक की परीक्षा पास की।
फिर से परीक्षा क्यों देंगी संस्कृति
संस्कृति का कहना है कि फिर से यूपीएससी की परीक्षा देंगी। यूपीएससी में और बेहतर रैंक हासिल करना चाहती हैं। हालांकि, फिलहाल ड्यूटी ज्वाइन करेंगी। संस्कृति के अनुसार, किसी भी परीक्षा के लिए अभ्यर्थी को अपनी रूचि के अनुसार तैयारी करनी चाहिए और करियर का चुनाव भी अपनी रूचि के अनुसार ही करना चाहिए। अगर आपको असफलता मिलती है तो तुरंत ही अपनी राह बदलकर नए सिरे से तैयारी करनी चाहिए। घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अनवरत मेहनत से ही सफलता मिलती है।