Patna: बिहार में अफसरशाही के खिलाफ आए दिन हल्ला बोल रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों पर तानाशाही और मनमानी के आरोप लगाए जाते हैं, मगर नालंदा के निवर्तमान डीएम योगेंद्र सिंह ने एक आदर्श जिलाधिकारी की मिसाल कायम की है। नालंदा के 37वें डीएम योगेंद्र सिंह रविवार को बिना किसी सरकारी समारोह का आयोजन कराए या शामिल हुए अपनी नई पोस्टिंग समस्तीपुर के लिए रवाना होगा। इस दौरान पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने विदाई समारोह करने के लिए कहा तो योगेंद्र ने इंकार कर दिया।
उन्होंने सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को सलाह दी कि नए डीएम के साथ समन्वय बनाकर काम करें और नालंदा को नई ऊंचाई दे। बिना सरकारी सुविधा के वह अपना ट्रॉली बैग लिए स्टेशन पहुंच गए। यहां उन्होंने आम यात्रियों की तरह लाइन में लगकर टिकट कटवाया और फिर समस्तीपुर के ट्रेन पर बैठ गए। इससे पहले वह अपना प्रभार नगर आयुक्त तरणजोत सिंह को दिया। उप विकास आयुक्त (डीडीसी) को सरकारी सिम दे दिया।
आईएएस योगेंद्र सिंह का परिचय
समस्तीपुर के वर्तमान डीएम एवं नालंदा के निवर्तमान डीएम योगेंद्र सिंह 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इनकी पहली पोस्टिंग राजधानी पटना के पटना सिटी क्षेत्र के एसडीओ के रूप में हुई थी। इसके बाद यह बेतिया के उप विकास आयुक्त रहे। फिर शेखुपरा के जिलाधिकारी रहे। यह उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के निवासी हैं। इनकी गिनती तेजतर्रर अधिकारियों के रूप में होती है। इन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में डीएम पद का प्रभार 35 महीने तक संभाला। इनके काम से सभी अधिकारी और जनता खुश हैं।