नीति आयोग के बाद नीतीश ने माना बिहार में नहीं हो रहा विकास, बताया संसाधन का अभाव

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पटना: नीति आयोग की रिपोर्ट आने के बाद गजब का हाय तौबा मचाया जा रहा है। इसी बीच सीएम नीतीश कुमार ने भी इस मामले में बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार जैसे पिछड़े राज्य को विकास की पटरी पर दौड़ाने के लिए और अधिक मदद की आवश्यकता है। अब तक बिहार अपने दम पर आगे बढ़ रही है। संसाधान का घोर अभाव है। बिहार इस लिए विशेष स्टेटस का मांग करता रहा है।

दूसरी ओर एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीच्यूट(आद्री) ने नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत के बयान की तीखी निंदा की है। आद्री के सदस्य सचिव डॉक्टर शैबाल गुप्ता ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि ऐसा बयान राष्ट्रीय एकता के हित में नहीं है। प्रधानमंत्री को चाहिए कि इन्हें तत्काल पद से हटाएं। अमिताभ कांत ने अपने बयान में कहा है कि भारत के पिछड़ेपन के पीछे बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्य कारण हैं।

डॉक्टर गुप्ता ने बयान पर आक्रोश जताते हुए कहा कि आश्चर्य इस बात का है कि नीति आयोग जैसी संस्था के शीर्ष पद पर बैठा व्यक्ति, जिससे देश की समाजिक-आर्थिक असमानता को समाप्त करने की आशा की जाती है, ऐसा वक्तव्य दे रहा है। अमिताभ कांत को न तो इतिहास का बोध है और न ही हिंदी पट्टी के प्रदेशों द्वारा झेली गई समस्याओं की समझ है।

हिंदी हृदयप्रदेश, खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश का आजादी की पहली लड़ाई में गौरवपूर्ण योगदान रहा है, जिसे हम सिपाही विद्रोह के रूप में भी याद करते हैं। जब पूरा बाबू वीर कुंवर सिंह के विजय दिवस की 160वीं जयंती मना रहा है तो इस  प्रकार का वक्तव्य बिहार का अपमान ही नहीं, पूरे हिंदी हृदयप्रदेश के राष्ट्रीय विकास और अनेक राज्यों की आर्थिक मजबूती के लिए इनके योगदान को अनदेखा करना जैसा है।

हमें यह समझना चाहिए कि स्वाधीनता आंदोलनों को बढ़ावा देने के प्रयासों के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश को अंग्रेजों द्वारा अन्य राज्यों की तुलना में अधिक प्रतिकूल बर्ताव झेलना पड़ा था। इसका असर आजादी के बादी की राष्ट्रीय नीतियों में भी दिखा।

डा. गुप्ता ने कहा कि यह बात कहीं से भी उचित नहीं है कि एक ऐसे समय में जहां राष्ट्र को अत्याधिक सहानुभूति की जरूरत है, उसी समय सरकार के अति महत्वपूर्ण पद पर बैठक व्यक्त इस तरह के विभाजनकारी और भेदभाव की मंशा वाला वक्तव्य दे रहा है।

अमिताभ कांत के बयान पर मंगलवार को बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ ही जदयू नेताओं ने तीखा हमला किया और सीईओ के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई।

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