राज्य में डेंगू मरीजों का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हालत ये है कि डेंगू पीड़ितों की संख्या 900 के पार पहुंच गई है। डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए जिलों में विशेष अलर्ट जारी किया गया है।
सरकारी आकड़ों के अनुसार, राज्य में डेंगू के कुल मामले 917 तक पहुंच गए हैं। इनमें निजी अस्पताल के 166 डेंगू मरीज भी शामिल हैं। जिलों के आंकड़ों को देखते हुए अपर मुख्य सचिव ने लार्वीसाइट का छिड़काव और फागिंग करने का निर्दश दिया है।
प्लेटलेट्स की उपलब्धता बनाए रखने का निर्देशः
इसके साथ ही सभी जिलों को प्लेटलेट्स की उपलब्धता बनाए रखने के भी निर्देश जारी किया गया है। वहीं, इस दौरान पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने डेंगू मरीजों को प्लेटलेट्स और एफ्रेसिस के लिए निर्धारित प्रोसेसिंग शुल्क से ज्यादा पैसे लेने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
प्लेटलेट्स और एफ्रेसिस की कीमत को लेकर चेतावनी
उन्होंने कहा कि सरकारी ब्लड बैंक से निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए प्लेटलेट्स कंसंट्रेट (आरडीपी) के लिए 400 रुपये निर्धारित है। वहीं, एफ्रेसिस (एसडीपी) के लिए 7,500 रुपये तय है। प्राइवेट रक्त केंद्रों द्वारा अधिकतम प्रोसेसिंग शुल्क आरडीपी के लिए 400 तथा एसडीपी के लिए 11 हजार रुपये है। डीएम ने दलालों से सावधान रहने की अपील भी की।
डेंगू को मात देकर लौटे डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने लोगों से डेंगू के बचाव संबंधी निर्देशों के अनुपालन की भी अपील की। उन्होंने लोगों से घरों व आसपास पानी जमा नहीं होने देने का आग्रह किया।
डेंगू को मात देने के लिए चलाएंगे अभियान
डीएम ने डेंगू को मात देने के लिए नियमित आइसीसी (सूचना, शिक्षा और संचार) और बीसीसी (व्यवहार,परिवर्तन और संचार) अभियान चलाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि रोकथाम के लिए प्रत्येक प्रखंड में रोगी कल्याण समिति के माध्यम से रैपिड टेस्ट किट की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
डीएम ने कहा कि लोगों को इस बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है। इसलिए कहीं पानी है तो उसे साफ कर दें। जो भी सतर्कता के उपाय बताए जाते हैं, उसको अपनाएं।