पटना विश्वविद्यालय (Patna University) का ऐतिहासिक व्हीलर सीनेट हाउस अब नए नाम से जाना जाएगा। सोमवार को राजभवन से प्राप्त पत्र के बाद पटना विश्वविद्यालय सिंडिकेट की आपात बैठक बुलाई गई।
इसमें सभी सदस्यों ने राजभवन से निर्देशित नाम को सर्वसम्मति से सहमति प्रदान की, जिसके बाद व्हीलर सीनेट हाउस का नाम लोकनायक जयप्रकाश नारायण अनुषद भवन कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने साझा किया था अनुभव
गौरतलब है कि व्हीलर सीनेट हाउस के आधुनिकीकरण का लोकार्पण पांच सितंबर को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish kumar) ने संयुक्त रूप से किया था।
इस दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को सम्मानित करने के बाद मुख्यमंत्री ने इससे जुड़े अनुभव को साझा किया था। उन्होंने कहा था कि जयप्रकाश नारायण ने इसी हाल से आंदोलन का शंखनाद किया था। उनके आह्वान पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने पढ़ाई के बजाए आंदोलन में योगदान का निर्णय लिया था।
छात्र घूम-घूमकर पहुंचा रहे थे जेपी का संदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया था कि जेपी के आह्वान पर छात्र कालेजों और विभागों में घूम-घूमकर उनके संदेश को पहुंचा रहे थे। वहीं, राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा था कि इस ऐतिहासिक भवन का नाम व्हीलर सीनेट हाउस होना औपनिवेशिक शासन की याद दिलाता है। इस सभा भवन में 1936 में गुरु रबींद्र नाथ टैगोर भी आए थे।
राज्यपाल ने रबींद्र नाथ टैगोर के नाम का दिया था प्रस्ताव
बता दें कि राज्यपाल ने इस सभा भवन को रबींद्र नाथ टैगोर का नाम देने का प्रस्ताव विश्वविद्यालय को देने को कहा था। लेकिन, 5 सितंबर की शाम ही राजभवन से इसका नाम जयप्रकाश नारायण अनुषद भवन करने का निर्देश विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ।
राजभवन के पत्र मिलने के बाद सोमवार को आपात सिंडिकेट की बैठक बुलाकर नामांकरण का प्रस्ताव राजभवन भेज दिया गया। कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में विद्वत परिषद की बैठक में सभी सदस्य मौजूद थे।
1925 में हुई थी स्थापना
इस बैठक में प्रोवीसी डॉ. अजय कुमार सिंह, डीएसडब्ल्यू प्रो. अनिल कुमार, पटना वीमेंस कालेज की प्राचार्या डॉ. सिस्टर एम रश्मि, पटना साइसं कालेज के प्राचार्य प्रो. आरके मंडल, डॉ. नीतीश कुमार टनटन, पप्पू वर्मा, नवीन कुमार आर्य समेत कई लोग मौजूद थे।
पप्पू वर्मा ने कहा कि राजभवन की पहल सराहनीय है। व्हीलर सीनेट हाउस की स्थापना 1925 में चंदे की राशि से की गई थी।