प्रदेश में दुर्घटना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक 50 किमी पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था करेगा। साथ ही प्रति सौ किमी के दायरे में एक ट्रामा सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। ट्रामा सेंटर की घोषणा स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने 22 मार्च को विधानसभा में की थी।
रक्षक उपकरणों से लैस होंगे ट्रामा सेंटर
यह ट्रामा सेंटर मल्टीपल फ्रैक्चर के इलाज के साथ दूसरे गंभीर मामले में जीवन रक्षक उपकरणों से लैस रहेंगे। शुक्रवार को सड़क सुरक्षा को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जन और मेडिकल कालेज अस्पतालों के अधीक्षक का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। प्रशिक्षण के दौरान घायल व्यक्ति या समूह की किस प्रकार जीवन रक्षा की जा सकती है इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
50 किमी पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था
साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रति 50 किमी पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए। प्रशिक्षण के क्रम में जानकारी दी गई कि राज्य के सभी अस्पतालों को इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस पर सूचीबद्ध किया जाएगा। इसमें सरकारी के साथ निजी अस्पतालों को शामिल किया जाएगा।
पहले चरण में सभी जिला अस्पताल सूचीबद्ध होंगे। अस्पतालों के सूचीबद्ध होने का यह लाभ होगा कि दुर्घटना में घायल अगर आयुष्मान भारत से जुड़ा है जो उसका उसका मुफ्त इलाज होगा। अन्य बीमा कंपनी से जुड़ा है तो उसका भी लाभ मिलेगा। अगर किसी स्थान पर बार-बार दुर्घटना होती है तो ब्लैक स्पाट चिह्नित किए जाएंगे।