बिहार कृषि विश्वविद्यालय हर दिन कृषि क्षेत्र में नए नए चीजों को ला रहा है. दिन प्रतिदिन किसानों को बेहतर सुविधाएं मिले इसके लिए ततपरता दिखा रही है. इसी कड़ी में अब कृषि यंत्र का प्रशिक्षण केंद्र बनाकर तैयार किया गया. ताकि इससे बिहार में तैयार होने वाले यंत्र का परीक्षण व प्रशिक्षण दोनों यही मिल सके.
कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने बताया कि यह कृषि यंत्र प्रशिक्षण केन्द्र को खुलने से बिहार के यंत्र निर्माता को अपने यंत्र परीक्षण कराने के लिए बिहार से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. तकनीकी प्रगति और बढ़ते हुए मशीनीकरण के माध्यम से कृषि क्षेत्र में बदलाव के लिए प्रतिबद्ध है.
284 लाख की राशि इस परियोजना में मिली
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना द्वारा वित्त संपोषित फार्म मशीनरी प्रशिक्षण केन्द्र खोलने की योजना मिली थी. जिसमें 2015-16 और 2019-20 में कुल 284.00 लाख की राशि इस परियोजना में सरकार द्वारा प्राप्त हुई थी.
इसमें भवन निर्माण एवं मशीनरी आदि की खरीद की गई थी.इसी क्रम में एडिशनल कमिश्नर डॉ. भी. के. काले, कृषि एबं किसान कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली एबं वरिये कृषि अभियंता इं. संजय कुमार, उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान, हरियाणा ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय में बने कृषि फार्म परीक्षण केन्द्र को भी देखा. निरीक्षण के दौरान कृषि यंत्र परीक्षण केन्द्र में लगे मशीनों और उपकरणों का बारीकी से देखते हुए संतोष जाहिर करते हुए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए. परियोजना के द्वारा बने फार्म मशीनरी केन्द्र के बारे में विस्तार पूर्वक बताया.
परियोजना का मुख्य उद्देश्य
ट्रैक्टर, पावर टेलर में लगने वाले कृषि यंत्रों, उपकरणों का परीक्षण करना, फार्म मशीनरी निर्माताओं को प्रदर्शन और परीक्षण रिपोर्ट प्रदान करने के लिए, जो कृषि मशीनरी में और सुधार की सुविधा प्रदान करना, किसानों और सरकारी एजेंसियों को सब्सिडी के उद्देश्य से गुणवत्तापूर्ण मशीनों का चयन करने में मदद करना है.
फार्म मशीनों के परीक्षण के लिए आवश्यक उपकरण खरीद लिए गए हैं. कार्यशाला विकसित की गई है. उचित संचालन के लिए सभी मशीनों की समय-समय पर जांच की जाती है. साथ ही साथ कार्यशाला के निर्माण का कार्य भी पूर्ण हो चुका है और इस प्रशिक्षण केंद्र को शुरू भी कर दिया जाएगा.