बिहार के रक्सौल में सुअरों की लगातार हो रही मौत के मामले में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की पुष्टि के बाद कई इलाकों में सुअरों को मारने का आदेश जारी किया गया है। पशु व मत्स्य संसाधन विभाग बिहार के सचिव ने डीएम को यह आदेश दिया है। सुअरों को मारने के लिए नगर परिषद के वार्ड नंबर सात को इपिसेंटर घोषित किया गया है। मारने के बाद मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। इन्हें मारने के उपरांत दफन करने के लिए जगह भी जल्द तय हो जाएगी।
सुअरों को मारने के पूर्व की कार्ययोजना के लिए एक मीटिंग का आयोजन भी हुआ। जिसमें मारने के पूर्व प्रभावित क्षेत्र में सैंनिटाइजेशन,सुअरों के लिए बाड़े का निर्माण ,सुअर के मांस की बिक्री व सेवन पर रोक लगाने,सुअरों के इधर-उधर ले जाने-लाने पर प्रतिबंध आदि विषयों पर चर्चा की गई।रक्सौल के कार्यपालक दंडाधिकारी सह नप के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सुअरों की स्वाइन फ्लू से मौत को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है।
संतोष कुमार सिंग का नगर में कम से कम डेढ़ सौ सुअर होने का अनुमान है। इधर,रक्सौल प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी डॉ विकास चंद्र मिश्रा ने बताया कि इस मामले में डरने की जरूरत नहीं है, अफ्रीकन स्वाइन फ्लू सुअर से सुअर में फैलने वाला रोग है। विभाग की चार सदस्यीय टीम सुअरों के वास स्थान व संख्या के आकलन में जुटी हुई है।
बता दें कि रक्सौल नगर परिषद क्षेत्र में सुअरों के मरने का क्रम लगातार जारी है। मंगलवार को शहर के नागा रोड व रेलवे स्टेशन रोड के नाले में मरे सुअर देखे गए। सूअरों के मरने की लगातार घटनाओं से लोग दहशत में हैं। वहीं,दूसरी ओर मरे हुए सुअर को ले कर नगर परिषद की लापरवाही के बीच स्थानीय लोग खुद से गड्ढ़े खोद कर सुअरों को दफना रहे हैं।