बिहार के सभी सरकारी विभागों में आरक्षण (संशोधन) अधिनियम-2023 के प्रावधानों को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में सभी दलों की सहमति से जाति आधारित गणना कराई गई. जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आने के बाद बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद् में उस पर चर्चा की गई और उसके आधार पर सभी वर्गों की स्थिति को ध्यान में रखकर आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक किया गया. दोनों सदनों से यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित कराया गया और इसका गजट प्रकाशित हो चुका है. सभी विभाग इसको ध्यान में रखते हुए आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों को पूर्णतः लागू करें ताकि लोगों को इसका तेजी से लाभ मिले.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना में लोगों की आर्थिक स्थिति की भी गणना करायी गयी है जिसके आधार पर तय किया गया है कि प्रत्येक गरीब परिवार को दो लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. भूमिहीन परिवारों को मकान बनाने के लिए जमीन क्रय हेतु एक लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. सतत् जीविकोपार्जन योजना के प्रत्येक लाभार्थी को 2 लाख रूपये तक का लाभ दिया जायेगा.
हाल के दिनों में बिहार में हुए अपराधी घटनाओं को लेकर बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश को करने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था को बेहतर बनाया गया है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को हर स्थिति में कायम रखें और जो भी व्यक्ति गड़बड़ करते हैं चाहे वे कोई भी हों उन पर सख्त कार्रवाई करें. समाज में प्रेम और भाईचारे का माहौल कायम किया गया.
उन्होंने कहा कि मंदिर और कब्रिस्तान की घेराबंदी कराई गई है और जो बचे हुए हैं उनकी घेराबंदी भी जल्द कराएं. राज्य में कई आईकोनिक बिल्डिंग बनाई गई है. कई नये सरकारी भवन बनाए गए हैं. सभी का ठीक ढंग से मेंटेनेंस करवाएं. बेहतर पथों के निर्माण के साथ-साथ उसका मेंटेनेंस भी जरूरी है.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बच्चों को हर हालत में बेहतर शिक्षा जरूरी है. स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य बेहतर ढंग से कराएं. साथ ही सभी अभिभावकों को प्रेरित करें कि अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें.