भोजपुर जिला के नवादा थाना क्षेत्र अंतर्गत वीर कुंवर सिंह कॉलोनी कतीरा में एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर दंपती की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। सोमवार की रात करीब साढ़े दस बजे दंपती का शव उके तीन मंजिला मकान के कमरे से बरामद किया गया। शरीर पर चाकू और धारदार हथियार से हमले के निशान मिले हैं। कमरे में फर्श पर खून बिखरा हुआ था। मृतक महेंद्र प्रसाद सिंह के शरीर पर करीब 10 जगह धारदार हथियार के ज़ख्मों का निशान पाया गया है। पत्नी पुष्पा सिंह का गला रेता गया है।
मूल रूप से रोहतास के अगिनी गांव के निवासी डा महेंद्र सिंह वीर कुंवर सिंह विश्ववद्यालय में प्रोफेसर के पद से रिटायर्ड हुए थे। वे विश्वविद्यालय में छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष भी रह चुके थे। साथ ही विश्वविद्यालय में डीन के पद पर भी थे। साल 1982-83 में डा सिंह भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और साल 1990 में रोहतास के काराकाट से भाजपा से विधानसभा के प्रत्याशी भी थे। वर्तमान में डा महेंद्र सिंह भाजपा के सक्रिय सदस्य थे। वहीं, उकी पत्नी पुष्पा सिंह महिला कालेज में प्रोफेसर के पद से रिटायर्ड हुई थी।
घटना को लेकर बताया जा रहा है कि सोमवार की रात 10 बजे दंपती की हत्या की सूचना मिली, जिसके बाद भोजपुर एसपी प्रमोद कुमार व एएसपी हिमांशु कुमार ने घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। एएसपी हिमांशु समेत अन्य अधिकारी कैंप कर रहे हैं। पुलिस को एक संदिग्ध का सीसीटीवी फुटेज भी मिला है, जो घटना के तीन-चार दिन पहले से मृत दंपती के घर पर आता-जाता था। नौकर के तौर पर खाना भी बना दिया करता था। घटना के दिन भी वह उनके घर आया था।
दूसरे शहरों में रहती है दंपती की बेटियां
दोनों पती-पत्नी घर में अकेले रहते थे। दंपती की तीन बेटियां रक्षिता सिंह, अर्शिता सिंह, अंकिता सिंह है। तीनों की शादी हो गई है। इनमें दो बेटी महाराष्ट्र के पुणे और एक बेटी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रहती है। बेटी समेत परिवार के अन्य सदस्य दंपती को फोन लगा रहे थे, तो मोबाइल बंद बता रहा था।
इसके बाद में सोमवार रात में उन्होंने इसकी सूचना पड़ोसियों को दी। पड़ोसी घर पर पहुंचे तो अंदर में दंपती का शव अलग-अलग जगहों पर पड़ा था। फर्श पर खून बिखरा था। इसके बाद इसकी सूचना नवादा थाना समेत अन्य अफसरों को दी गई। सूचना मिलते ही सभी पदाधिकारी पहुंच गए।
कमरे की दीवारों पर मिले खून के धब्बे
इधर, कमरे में दीवारों पर मिले खून के धब्बे भी मिले हैं। देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि अपराधी द्वारा हत्या किए जाने क्रम में उन्होंने खुद को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन अपराधियों ने दोनों को बहुत ही तड़पा कर निर्मम हत्या की है। दंपती के शव को अभी तक नहीं उठाया गया है। बेटियों के आने का इंतजार हो रहा है।
पटना से पहुंचा खोजी कुत्ता और एफएसएल की टीम
मंगलवार की सुबह 11 बजे पटना से तीन सदस्यीय एफएसएल की टीम और खोजी कुत्ता दल रिटायर्ड प्रोफेसर दंपती के मकान में जांच के लिए पहुंची। एफएसएल की टीम ने कमरे से फिंगर प्रिंट समेत ब्लड का नमूना जांच के लिए प्रदर्श के तौर पर प्रिर्जव किया है। इसके अलावा खोजी कुत्ते की मदद से भी स्पर्श कराकर क्लू पाने का प्रयास किया जा रहा है
26 जनवरी को हुई थी छोटे भाई से बात
बताया जाता है कि मृतक प्रोफेसर अपने तीन भाइयों में दूसरे स्थान पर थे। मृतक के छोटे भाई प्रोफेसर हीरा सिंह ने बताया कि उन्हें उनकी अंतिम बार 26 जनवरी को भाई से बात हुई थी और वह उनके घर पर भी आए थे। इसके बाद उनसे कोई बात नहीं हुई।
रविवार की रात दंपती की बेटी और महेंद्र सिंह के बड़े भाई, जो जमशेदपुर में रहते हैं, उन्होंने फोन कर उन्हें सूचना दी। इसके बाद हीरा सिंह भाई के घर पहुंचे तो देखा कि यहां पुलिस पहुंची हुई है। तब जाकर उन्हें घटना का पता चला। मृतक के छोटे भाई हीरा सिंह ने बताया कि पूरे आरा शहर में किसी भी आदमी से उनके भाई और भाभी की किसी से भी विवाद या दुश्मनी नहीं है।
शव मिलने के 10 घंटे पहले हत्या की संभावना
भोजपुर एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि रिटायर्ड प्रोफेसर दंपती की हत्या किसी चीज से उन्हें हिट कर की गई है। शव देखकर लगता है कि हत्या करीबन दस घंटे पहले की गई है। हालांकि, यह अनुसंधान का विषय है। उन्होंने बताया कि दंपती अपने मकान से मिले किराए के पैसे से अपना भरण-पोषण करते थे।
मेडिकल स्टोर से फोन कर दवा आर्डर किया
आसपास के लोगों और पड़ोसियों से पूछताछ करने के उपरांत पता चला कि इन लोगों का व्यवहार काफी सरल था। इनका किसी भी आदमी से कोई दुश्मनी या विवाद नहीं था। दोनों दंपति की मौत कैसे हुई है, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
जांच में यह बात सामने आई है कि मृतक रिटायर प्रोफेसर डा महेंद्र प्रसाद सिंह ने रविवार की दोपहर करीब एक बजे अपने आवास के नीचे स्थित मेडिकल स्टोर पर फोन कर दवा के लिए आर्डर भी दिया था।