बिहार के इस युवा उद्यमी ने अपने ए-2 दूध से पूरे देश में धूम मचा दी

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पटना के राजेश रंजन ने देश में पहली बार ए-2 मिल्क प्रोडक्शन में कदम रखकर सबका ध्यान आकर्षित किया है। बिहार के इस युवा उद्यमी के ए-2 दूध की मांग पूरे देश में काफी बढ़ गई है।

राजेश से कोलकाता की बिरला एक्सप्रेस डेयरी ने अगले दो साल में 10 हजार लीटर ए-2 दूध की मांग की है। दूध की सप्लाई और संरक्षण के लिए कलेक्शन, कूलिंग प्वाइंट, पाश्चुराइजेशन, ट्रांसपोर्टेशन का कार्य बिहार विद्यापीठ इन्क्यूबेटर की निगरानी में हो रहा है। विभिन्न मुद्दों पर ओड़िशा की मिल्क मंत्रा से भी बात चल रही है। साथ ही प. बंगाल की टोटल स्टार्ट के राजेश की समृद्ध बिहार फाउंडेशन के साथ आनेवाले पांच वर्षों में 200 करोड़ निवेश करने की योजना है।

ए-2 दूध देसी नस्ल की लुप्तप्राय हो चुकी गायों से मिलता है। ए-2 दूध में साधारण दूध से दोगुना प्रोटीन होता है और भी कई गुना अधिक फायदे है। कई बीमारियों को खत्म करने की क्षमता वाले इस दूध की कीमत साधारण दूध से दोगुनी होती है। कभी दुनिया में सब से अधिक ए-2 गायें भारत में ही पाई जाती थी। दुनियाभर में ए-2 गायों का मूल भारत ही रहा है।

जहाँ नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, आॅस्ट्रेलिया, कोरिया, जापान, अमेरिका समेत दुनियाभर के दर्जनों विकसित देश साधारण दूध को नकार कर अब बच्चों को सिर्फ प्रमाणित ए-2 दूध ही दे रहे हैं, वहीं हमारे देश का समस्त डेरी उद्योग देसी गाय के ए-2 दूध और विदेशी ए-1 दूध में कोई अंतर नहीं समझ पा रहा है न हीं सरकार की स्वास्थ्य संबंधी कोई नीति इस विषय पर केंद्रित हैं।

ए-2 गाय के लिए राकेश व्यक्तिगत तौर से बनारस से राजस्थान समेत देश के सुदूर प्रदेशों का दौरा कर रहे हैं लेकिन ए-2 मिल्क का कांसेप्ट डेरी उद्योग के एक्सेप्ट नहीं कर पा रहा।

अपनी तरक्की क साथ ही राजेश ने बिहार क कई युवाओं को एक नई दिशा दी है। राजेश रंजन अपने समृद्ध बिहार फाउंडेशन के तहत दुग्ध किसानों को ए-2 मिल्क के उत्पादन के लिए ट्रेनिंग दे रहे हैं। अब सारण में तीन-चार दुग्ध किसान भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं।

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