पटना: बिहार में एक बड़ी आबादी की जीवनरेखा माने जाने वाले गंगा नदी पर बने करीब छह किलोमीटर लम्बे ‘महात्मा गांधी सेतु’ की मरम्मत पर पिछले एक दशक में करीब 115 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और आज भी मरम्मत का काम जारी है।
इस बीच पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि गांधी सेतु के समानंतर गंगा पर बनने वाले पुल का निर्माण कार्य मार्च 2019 में शुरू हो जाएगा। पथ निर्माण मंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इससे पहले पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा था कि गंगा पथ की लंबाई घटेगी नहीं बल्कि बढ़ेगी। गांधी सेतु के समानंतर गंगा पर बनने वाले पुल का एलाइनमेंट तय हो गया है।
3172 करोड़ की मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार गांधी सेतु के समानांतर फोर लेन पुल निर्माण को ले 3172 करोड़ रुपए निवेश की सहमति दी गयी है।
इस पुल के दोनों छोर को जोड़कर एप्रोच रोड की लंबाई लगभग पंद्रह किमी है। दक्षिणी हिस्से की एप्रोच रोड पूरी तरह से एलिवेटेड है और यह अगमकुआं स्थित धनुकी मोड़ के पास मुख्य सड़क से मिलेगी। उत्तरी छोर से यह गांधी सेतु के करीब से शुरू होगा।
गांधी सेतु पर दोपहिया वाहनों के परिचालन पर रोक
दरअसल, गांधी सेतु पुल के मरम्मत के काम से भी आवाजाही में काफी परेशानियां होती है। पुल से गुजरने वालों में दोपिया वाहनों की संख्या अधिक होती है। ऐसे में अब दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ गई है. इसलिए अब पुल से दोपिया वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। दोपहिया वाहनों को गांधी सेतु के बजाय उसके समानांतर बने पीपा पुल का प्रयोग करना होगा। दोपहिया वाहनों के लिए सड़क को डायवर्ट किया गया है।
गांधी सेतु पुल…
महात्मा गांधी सेतु पटना से हाजीपुर को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना पुल है। यह दुनिया का सबसे लम्बा, एक ही नदी पर बना सड़क पुल है जिसकी लम्बाई 5,575 मीटर है। भारत की प्रधान मंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी ने इसका उद्घाटन मई 1982 में किया था। इसका निर्माण गैमोन इंडिया लिमिटेड ने किया था। वर्तमान में यह राष्ट्रीय राजमार्ग 19 का हिस्सा है।