गोपालगंज जिले से तीस किलोमीटर दूरी पर कुचायकोट प्रखंड का एक गांव है ढेबवा. जो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम कर रहा है. यहां नौ दशक से एक हिन्दू परिवार के दरवाजे पर ताजिये का मेला लगता है. हर साल की तरह इस वर्ष भी यहां मुहर्रम के ताजिये का मेला आयोजित किया गया. जिसमें 10 गांवों के लोग शामिल हुए. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि जो भी मन्नतें मांगी जाती हैं वह पूरी होती हैं.
हिन्दू हो या मुसलमान सब देते हैं चंदा
ताजिये के निर्माण के लिए गांव के सभी लोगों का सहयोग रहता है हिन्दू हो या मुसलमान सभी लोग ताजिये के लिए चंदा देते हैं हर घर से चंदा दिया जाता है जिसके बाद एक से बढकर नक्काशेदार ताजिये बनाए जाते हैं इस साल भी जब गांवों से ताजिये निकले तो लोगों ने उस पर चढावा चढाया इधर ताजिये के मेले में एक से बढकर एक ताजियों का जुटान हुआ. कई गांवों के मुस्लिम युवकों ने जमकर करतब दिखाया अच्छा करतब दिखाने वालों को पुरस्कार भी दिए गए.