दुनिया में कई ऐसे महान लोग हैं जो अपनी अद्भुत कलाकारी से लोगों को आश्चर्यचकित कर देते हैं। इसमें भारत तो सबसे आगे है। यहां साधु लोग ऐसे चमत्कार करते रहते हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
आज हम आपको एक ऐसे ही साधु के बारे में बताने जा रहे हैं जो गुजरात के मेहसाणा जिले में रह रहे हैं। इस साधु की उम्र 85 साल है और इनका नाम प्रहलाद जानी है। वैसे तो ये एक महिला हैं लेकिन लोग इन्हें बाबा कह कर बुलाते हैं। लोग इन्हें प्यार से माताजी चुनरी वाले भी कह कर बुलाते हैं।
ये बाबा एक जीते जागते चमत्कार से कम नहीं हैं क्योंकि ये पिछले 77 साल से बिना कुछ खाए-पिए जीवित हैं। ये योग की साधना करते हैं। इन्होंने दैनिक क्रियाओं को भी योग की शक्ति से नियंत्रित कर रखा है।
अपनी इस चमत्कारिक साधना की वजह से प्रहलादजी चिकित्सा विज्ञान के लिए एक चुनौती बन गए हैं। लोगों का दावा है कि प्रहलाद जानी ने 7 साल की उम्र में अध्यात्म की तलाश में अपना घर त्याग दिया था और 1940 से वे हवा के दम पर जीवित हैं।
मां दुर्गा की आराधना करने वाले प्रहलाद जानी के बारे में यह प्रचलित है कि पिछले 77 वर्षों के दौरान न तो उन्होंने अन्न का एक दाना और न ही पानी की एक बूंद को मुंह में लिया है।
प्रहलाद जानी स्वयं कहते हैं कि मुझपर तो दुर्गा माता का वरदान है। “मैं जब 12 साल का था, तब कुछ साधू मेरे पास आए। कहा, हमारे साथ चलो, लेकिन मैंने मना कर दिया।
करीब छह महीने बाद देवी जैसी तीन कन्याएं मेरे पास आईं और मेरी जीभ पर अंगुली रखी। तब से ले कर आज तक मुझे न तो प्यास लगती है और न भूख।”
साधकों के द्वारा जो चमत्कार किए जाते हैं उसका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं होता। पिछले 77 सालों से भूखा-प्यासा रहने का दावा करने वाले प्रहलाद जानी पर डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की टीम कई स्टडी कर चुकी है।